Who is Shiv Nadar: देश के सबसे अमीर शख्‍स की बात करें तो मुकेश अंबानी का नाम आता है. लेक‍िन द‍िल्‍ली में सबसे ज्‍यादा दौल‍त क‍िसके पास है. इस सवाल पर हो सकता है आप थोड़ा सोच में पड़ जाएं. इस शख्‍स ने दो लाख रुपये से भी कम में ब‍िजनेस की शुरुआत करके आज इसे तीन लाख करोड़ पर पहुंचा द‍िया है. चैर‍िटी के मामले में भी वह भले-भले अरबपत‍ियों पर भारी पड़ते हैं. हम बात कर रहे हैं एचसीएल टेक्नोलॉजीज (HCL Technologies) के फाउंडर शिव नादर (Shiv Nadar) की. एचसीएल ने ग्‍लोबल लेवल पर शीर्ष भारतीय कंपनी के रूप में अपनी पहचान बनाई है. साल 2020 में चेयरमैन पद से र‍िजाइन करके उन्‍होंने अपनी बेटी रोशनी नादर मल्होत्रा को ज‍िम्‍मेदारी ​​सौंप दी. रोशनी ने पब्‍ल‍िक सेक्‍टर की ल‍िस्‍टेड आईटी कंपनी की पहली महिला चेयरमैन के रूप में इत‍िहास रच द‍िया.


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अंबानी और अडानी को भी छोड़ द‍िया पीछे


फोर्ब्स की तरफ से साल 2024 की शुरुआत में जारी अरबपतियों की ल‍िस्‍ट में 200 भारतीयों का नाम शाम‍िल क‍िया गया था. इन 200 लोगों में से 25 ऐसे थे, ज‍िन्‍हें फोर्ब्‍स की ल‍िस्‍ट में पहली बार जगह म‍िली. 8,300 करोड़ रुपये से ज्‍यादा की संपत्‍त‍ि के माल‍िक जोमैटो के को-फाउंडर दीपेंदर गोयल का नाम पहली बार इस ल‍िस्‍ट में आया. द‍िल्‍ली के सबसे अमीर शख्‍स में शिव नादर का नाम भी ल‍िस्‍ट में शाम‍िल है. उनके पास 35.6 बिलियन डॉलर (करीब 2,98,898 करोड़ रुपये) की संपत्ति है. द‍िल्ली के सबसे अमीर कारोबारी होने के साथ ही वह बड़े परोपकारी हैं. उन्‍होंने डोनेशन के मामले में अंबानी, अडानी को भी पीछे छोड़ द‍िया है. एचसीएल टेक्‍नोलॉजी का मार्केट कैप बढ़कर 5.15 लाख करोड़ पर पहुंच गया है.


कौन हैं श‍िव नादर?
शिव नाडर, देश के फेमस कारोबारी और एचसीएल टेक्नोलॉजीज के फाउंडर हैं. उन्होंने मेहनत और दूरदर्शिता के दम पर एक छोटी सी कंपनी को दुनिया की सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में से एक बना द‍िया. शिव नादर और उनके दोस्तों ने 1.87 लाख के निवेश के साथ एक गैराज में एचसीएल की शुरुआत की थी. कंपनी ने शुरुआत में कैलकुलेटर और माइक्रोप्रोसेसर बनाने पर फोकस क‍िया. धीरे-धीरे एचसीएल आज एक बड़ी आईटी कंपनी बन गई. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है क‍ि आज एचसीएल का ब‍िजनेस दुनिया के 60 देशों में फैला हुआ है.



शिव नादर की लाइफ
शिव नादर का जन्म तमिलनाडु के तूतीकोरिन जिले में हुआ था. शुरुआती शिक्षा सेंट जोसेफ बॉयज हायर सेकेंडरी स्कूल से प्राप्त की. इसके बाद, कोयंबटूर के पीएसजी कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन क‍िया. 1967 में उन्‍होंने वालचंद ग्रुप की कूपर इंजीनियरिंग लिमिटेड में करियर शुरू किया. कुछ समय बाद, उन्होंने टेली-डिजिटल कैलकुलेटर बनाने वाली एक कंपनी, माइक्रोकॉम्प को शुरू क‍िया. इस कंपनी का नाम बाद में हिंदुस्तान कंप्यूटर्स लिमिटेड हुआ और आज यह एचसीएल के नाम से जानी जाती है. श‍िव नादर को उनकी उपलब्धियों के लिए साल 2008 में भारत सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया.


परोपकार‍ियों की ल‍िस्‍ट में 'डंका'
शिव नादर और उनके पर‍िवार को चैर‍िटी के ल‍िये दुन‍ियाभर में जाना जाता है. मिंट में प्रकाश‍ित र‍िपोर्ट के अनुसार उन्होंने फाइनेंश‍ियल ईयर 2022-2023 के दौरान 2,042 करोड़ रुपये (करीब 5.6 करोड़ रुपये रोजाना) दान क‍िये. इतना दान करने के कारण उन्हें हुरुन इंडिया फिलैंथ्रॉपी लिस्ट 2023 (Hurun India Philanthropy List 2023) में लगातार तीन साल तक 'देश के सबसे उदार' व्यक्ति का खिताब मिला है. दान करने के अलावा नादर ने चेन्‍नई में एसएसएन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग की शुरुआत की और एचसीएल टेक्नोलॉजीज के जर‍िये कई एजुकेशनल इंस्‍टीट्यूट को सपोर्ट क‍िया.


बेटी को सौंपी ज‍िम्‍मेदारी
40 साल से ज्‍यादा समय तक एचसीएल टेक्नोलॉजीज को लीड करने के बाद शिव नाडर ने चेयरमैन पद से हटकर अपनी बेटी रोशनी नाडर को ज‍िम्‍मेदारी सौंप दी. रोशनी नाडर देश की सबसे अमीर महिलाओं में से एक हैं और वह ब‍िजनेस के साथ परोपकार की पारिवारिक विरासत को भी हर द‍िन आगे बढ़ा रही हैं. आज वह एचसीएल टेक्नोलॉजीज की चेयरपर्सन हैं. उन्होंने अपनी मेहनत और दूरदर्शिता के दम पर एचसीएल को नई ऊंचाई तक पहुंचाया है. रोशनी की प‍िता की ही तरह सोशल वर्क में गहरी रुच‍ि हैं.