High Speed Road Corridor: मोदी कैबिनेट की सौगात, 50000 करोड़ से बनेंगे 8 हाई स्पीड रोड कॉरिडोर; किन शहरों को जोड़ेंगे
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म `एक्स` पर पोस्ट में इन परियोजनाओं के बारे में कहा, `भारत के बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर के परिदृश्य को `परिवर्तनकारी` प्रोत्साहन. 50,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के खर्च से 8 नेशनल हाई-स्पीड रोड गलियारा परियोजनाओं को मंत्रिमंडल की मंजूरी से हमारी आर्थिक `वृद्धि` पर प्रभाव पड़ेगा
Nitin Gadkarni: मोदी सरकार के पिछले 10 साल के कार्यकाल में सड़कों और हाइवे का जाल तेजी से फैला है. इससे शहरों के बीच आवागमन आसान हुआ है और पहले के मुकाबले समय की भी काफी बचत हुई है. अब केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लॉजिस्टिक कैपेबिलिटी (Logistics Capability) और संपर्क सुविधा को बढ़ाने के लिए 50,655 करोड़ की लागत वाले 936 किमी लंबी आठ हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर प्रोजेक्ट को मंजूरी दी. मंत्रिमंडल की बैठक के बाद जारी बयान में इस बारे में जानकारी दी गई. बताया गया कि आठ परियोजनाओं की मंजूरी से प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से करीब 4.42 करोड़ मानव दिवस रोजगार सृजित होंगे.
कानपुर रिंग रोड को भी मंत्रिमंडल की मंजूरी मिली
मंत्रिमंडल की मंजूरी पाने वाली परियोजनाओं में छह लेन का आगरा-ग्वालियर राष्ट्रीय हाई-स्पीड गलियारा, चार लेन का खड़गपुर- मोरग्राम राष्ट्रीय हाई-स्पीड गलियारा और छह लेन का थराद-डीसा-मेहसाणा-अहमदाबाद राष्ट्रीय हाई-स्पीड गलियारा शामिल है. इनके अलावा चार-लेन वाले अयोध्या रिंग रोड, रायपुर-रांची राष्ट्रीय हाई-स्पीड गलियारा के पत्थलगांव और गुमला के बीच चार-लेन वाले खंड और छह-लेन वाले कानपुर रिंग रोड को भी मंत्रिमंडल की मंजूरी मिली है.
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मंजूरी से 'रोजगार' के मौकों को भी बढ़ावा मिलेगा
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में इन परियोजनाओं के बारे में कहा, 'भारत के बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर के परिदृश्य को 'परिवर्तनकारी' प्रोत्साहन. 50,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के खर्च से आठ नेशनल हाई-स्पीड रोड गलियारा परियोजनाओं को मंत्रिमंडल की मंजूरी से हमारी आर्थिक 'वृद्धि' पर प्रभाव पड़ेगा और 'रोजगार' के मौकों को भी बढ़ावा मिलेगा. यह एक बेहतरीन और देश के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.' बयान के अनुसार 88 किमी लंबे आगरा-ग्वालियर राष्ट्रीय हाई-स्पीड गलियारे को 4,613 करोड़ रुपये की कुल लागत से छह लेन गलियारे के रूप में 'बनाओ-चलाओ-सौंपो' (BOT) मॉडल पर विकसित किया जाएगा.
अयोध्या रिंग रोड पर 3,935 करोड़ की लागत
खड़गपुर-मोरग्राम राष्ट्रीय हाई-स्पीड गलियारे को 10,247 करोड़ की लागत से विकसित किया जाएगा. थराद-डीसा-मेहसाणा- अहमदाबाद राष्ट्रीय हाई-स्पीड गलियारे को 10,534 करोड़ रुपये की कुल लागत से तैयार किया जाएगा. अयोध्या रिंग रोड को 3,935 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जाएगा, जबकि रायपुर-रांची राष्ट्रीय हाई-स्पीड गलियारे की कुल लागत 4,473 करोड़ रुपये होगी. कानपुर रिंग रोड को 3,298 करोड़ रुपये की कुल पूंजी लागत से विकसित किया जाएगा.
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बयान के अनुसार 121 किमी लंबे उत्तरी गुवाहाटी बाईपास और मौजूदा गुवाहाटी बाईपास के चौड़ीकरण/सुधार का काम तीन खंडों में 5,729 करोड़ रुपये की कुल पूंजी लागत से बीओटी मॉडल पर किया जाएगा. परियोजना के तहत ब्रह्मपुत्र नदी पर एक प्रमुख पुल का भी निर्माण किया जाएगा. इसके अलावा पुणे के पास 30 किमी लंबे एलिवेटेड नासिक फाटा-खेड़ गलियारा का निर्माण बीओटी मॉडल पर 7,827 करोड़ रुपये की कुल लागत से किया जाएगा. (इनपुट भाषा)