GST Council Meeting: इसी महीने होने वाली जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम से जीएसटी हटाने का मुद्दा छाया रहेगा. गडकरी ने इसकी मांग करते हुए पिछले दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को चिट्ठी लिखी थी.
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GST on Insurance Premium: केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को चिट्ठी लिखकर लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पर लगने वाले जीएसटी को हटाने की मांग की थी. अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इंश्योरेंस पॉलिसी पर लगने वाले जीएसटी को हटाने की मांग करते हुए गडकरी की मांग का समर्थन किया. ममता बनर्जी ने कहा कि यह लोगों की अपनी अहम जरूरतों का ख्याल रखने की क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखी चिट्ठी में लाइफ इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर 18 प्रतिशत की दर से लागू जीएसटी को हटाने की मांग की है.
विपक्ष के कई नेताओं ने गडकरी की मांग का सपोर्ट किया
विपक्ष के कई नेताओं ने भी उनकी इस मांग का समर्थन किया है. बनर्जी ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपनी एक पोस्ट में इस मांग का समर्थन किया. उन्होंने कहा, ‘हम भारत सरकार से मांग करते हैं कि लोगों की स्वास्थ्य अनिवार्यता को ध्यान में रखते हुए लाइफ इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस पर लागू जीएसटी को हटा दे.’ उन्होंने कहा, ‘यह जीएसटी खराब है क्योंकि यह लोगों की अपनी जरूरतों का ध्यान रख पाने की क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है. अगर भारत सरकार जन-विरोधी जीएसटी वापस नहीं लेती है तो हम सड़कों पर उतरने के लिए बाध्य होंगे.’
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जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में होगा फैसला?
गडकरी की तरफ से अपनी सहयोगी मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे गए पत्र में की गई इस मांग को कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम, समाजवादी पार्टी के राजीव कुमार राय और राष्ट्रीय जनता दल के सांसद एडी सिंह समेत कई विपक्षी नेताओं का समर्थन मिला है. जीएसटी से संबंधित मामलों में फैसला लेने वाली सर्वोच्च इकाई जीएसटी काउंसिल की इसी महीने बैठक होने वाली है. इसकी पिछली बैठक जून में हुई थी. अब यह देखने वाली बात होगी कि क्या सरकार की तरफ से इस पर किसी तरह का फैसला किया जाता है?
कितना होगा फायदा
अगर सरकार की तरफ से नितिन गडकरी, ममता बनर्जी समेत तमाम नेताओं की जीएसटी हटाने की मांग पर विचार किया जाता है तो आम आदमी को इससे बड़ी राहत मिल सकती है. उदाहरण के लिए यदि आपके लाइफ इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम अभी 30000 रुपये सालाना जाता है तो इसमें एक बड़ा हिस्सा जीएसटी का होता है. 30000 रुपये के पॉलिसी प्रीमियम में से 4,576 रुपये (18 प्रतिशत) जीएसटी का होता है, जबकि 25,424 रुपये पॉलिसी का प्रीमियम होता है. लेकिन यदि सरकार जीएसटी को हटा देती है तो इसके बाद आपको केवल 25,424 का ही भुगतान करना होगा.