नई दिल्ली: निर्मला सीतारमण देश की दूसरी महिला वित्त मंत्री बनाई गई हैं. उनसे पीएम मोदी और सरकार को तमाम उम्मीदे हैं. पिछले कुछ क्वार्टर में देश के विकास दर में कमी आई है. ऐसे में उन्हें आने वाले बजट में ग्रोथ को बढ़ाने वाली नीतियां लानी होगी. बैंक और NBFC कैश किल्लत और NPA से जूझ रहे हैं. फिस्कल डेफिसिट और ट्रेड डेफिसिट की खाई को पाटना उनकी प्राथमिकताओं में होनी चाहिए.


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बैंक के पास कैश की किल्लत है. इसी के चलते मोदी सरकार बैंकों के विलय की नीति पर काम कर रही है. इससे बैंक का आकार बड़ा होगा, कैश की किल्लत कम होगी और NPA को धीरे-धीरे ट्रैक पर लाया जा सकता है. रोजगार के मुद्दे पर विपक्ष सरकार को लगातार घेरती रही है. ऐसे में रोजगार पैदा करना सरकार की प्रमुख चुनौतियों में एक है. रोजगार पैदा करने के लिए निवेश लाना उनकी प्राथमिकताओं में एक होनी चाहिए.


इंदिरा गांधी के बाद देश की पहली महिला वित्त मंत्री बनीं निर्मला सीतारमण


तमाम पब्लिक सेक्टर पर भारी कर्ज का बोझ है. ऐसे में सरकार विनिवेश योजना पर काम कर रही है. एयर इंडिया पर करीब 55000 करोड़ रुपये का कर्ज है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, सरकार 100 दिनों के भीतर उसका निजीकरण कर सकती है. एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए MSME को मजबूत करने की जरूरत है. जब तक यह सेक्टर नहीं मजबूत होगा, तब तक एक्सपोर्ट नहीं बढ़ सकता है.


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मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में इंसॉल्वेंसी और बैंकरप्सी कॉनून को लाया. निर्मला सीतारमण पर इस कानून को ज्यादा मजबूत करने की जिम्मेदारी होगी. इन दो कानून की वजह से NPA के कई मामले निपटाए गए हैं. जानकारी के मुताबिक, मोदी सरकार नया डायरेक्ट टैक्स कोड ला सकती है.



भारतीय अर्थव्यवस्था में पिछले कुछ दिनों से सुस्ती महसूस की जा रही है. इसकी एक बड़ी वजह कंज्यूमर डिमांड में कमी मानी जाती है. इसके अलावा महंगाई को कंट्रोल में रखना, डिमांड में तेजी लाना, निवेश को आकर्षित करना, निर्यात बढ़ाना, फिस्कल और ट्रेड डेफिसिट कम करना, निर्मला सीतारमण की प्रमुख चुनौतियां हैं.