BEML Share Price: मोदी सरकार की तरफ से अब एक और सरकारी कंपनी की ह‍िस्‍सेदारी बेचने की तैयारी की जा रही है. सरकार ड‍िसइंवेस्‍टमेंट के जर‍िये एक और कंपनी की हि‍स्‍सेदारी बेचकर चालू व‍ित्‍त वर्ष में अरबों रुपया जुटाना चाहती है. रॉयटर्स की र‍िपोर्ट में दावा क‍िया गया है क‍ि बीईएमएल (BEML) का प्राइवेटाइजेशन स्थानीय राज्य सरकार से भूमि के ट्रांसफर को पूरा करने के लिए अंतिम मंजूरी में देरी के कारण रुका हुआ है.


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26 प्रत‍िशत ह‍िस्‍सेदारी घटाने पर व‍िचार


र‍िपोर्ट में दावा क‍िया गया है क‍ि सरकार बीईएमएल (BEML) में 26 प्रत‍िशत ह‍िस्‍सेदारी घटाने पर व‍िचार कर रही है. 26 प्रत‍िशत ह‍िस्‍से की ब‍िक्री के बाद सरकार का कंपनी के मैनेजमेंट से कंट्रोल खत्‍म हो जाएगा. राज्य सरकार की तरफ से जमीन के ट्रांसफर की प्रक्र‍िया पूरी होने के बाद प्राइवेटाइजेशन का काम पूरा हो जाएगा. मौजूदा समय में सरकार के पास कुल 54% हिस्सेदारी है, ज‍िसमें से 26% हिस्सेदारी बेचने पर विचार क‍िया जा रहा है.


510 बिलियन जुटाने की योजना को मजबूती मिलेगी
इस बिक्री से सरकार को मौजूदा शेयर मूल्य पर करीब 232.5 मिलियन डॉलर (1900 करोड़ रुपये) हास‍िल हो सकते हैं. वित्तीय वर्ष 2024 में विनिवेश आय में 510 बिलियन रुपये जुटाने की योजना को मजबूती मिलेगी. बिक्री के लिए पूर्व शर्त के रूप में सरकार ने बीईएमएल के स्वामित्व वाली भूमि को एक अलग इकाई, बीईएमएल लैंड एसेट्स में बदल दिया. इसे अप्रैल में स्टॉक एक्सचेंज में ल‍िस्‍टेड क‍िया. सरकार की तरफ से शुरुआती बोल‍ियां आमंत्रित किए जाने के बाद इसमें एक साल लग गया.


भूमि को अलग कर दिया गया और राज्य सरकार से अंतिम मंजूरी मिलने तक सशर्त रूप से बीईएमएल लैंड एसेट्स को हस्तांतरित कर दिया गया. सूत्रों ने बताया क‍ि बीईएमएल के पास दक्षिणी राज्य कर्नाटक में बड़ी संपत्ति है और स्वामित्व हस्तांतरित करने के लिए राज्य अधिकारियों और कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड (KIADB) से मंजूरी की जरूरत है.


कंपनी के पास कर्नाटक में 526 एकड़ जमीन है, जिसके लिए बीईएमएल से भूमि संपत्ति इकाई को स्वामित्व विलेख के हस्तांतरण की आवश्यकता है. टाइटल डीड भूमि स्वामित्व की कानूनी बिक्री या हस्तांतरण का दस्तावेजीकरण करता है. वित्त मंत्रालय और बीईएमएल के एमडी की तरफ से रॉयटर्स की तरफ से भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं दिया.