RBI MPC Meet: महंगे लोन से मिलेगी राहत या बढ़ेगी ब्याज दर? MPC मीटिंग में RBI लेगा अहम फैसला
Reserve Bank of India: केयर रेटिंग्स के अनुसार, उम्मीद से कम खरीफ उत्पादन और रबी की बुआई के कारण कृषि विकास दर धीमी बनी हुई है. मुद्रास्फीति का दबाव कम हुआ है, लेकिन खाद्य कीमत चिंता का कारण बनी हुई है.
Reserve Bank of India Repo Rate: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तीन दिवसीय मौद्रिक नीति समीक्षा (RBI MPC Meeting) मीटिंग 6 दिसंबर को शुरू हो गई. तीन दिन चलने वाली एमपीसी बैठक में लिये गए फैसलों के बारे में आरबीआई गवर्नर 8 दिसंबर की सुबह जानकारी देंगे. एमपीसी की पहली जिम्मेदारी महंगाई को नियंत्रित करना और रेपो रेट तय करना है. क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों और बैंक ऑफ बरौदा के अर्थशास्त्रियों ने उम्मीद जताई कि इस बार भी आरबीआई की तरफ से एमपीसी के दौरान रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बनाए रखने की संभावना है. यह भी उम्मीद की जा रही है कि इस वित्तीय वर्ष में इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं होगा.
6.5 परसेंट पर चल रहा रेपो रेट
उन्होंने यह भी कहा कि आरबीआई की एमपीसी अपनी आगामी बैठक में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के पूर्वानुमान को संशोधित करेगी. क्रेडिट रेटिंग एजेंसी केयर रेटिंग्स के अनुसार आरबीआई 6.5 परसेंट पर रेपो रेट के साथ अपनी रोक जारी रखेगा. रेपो रेट वह दर है, जिस पर बैंक आरबीआई से उधार लेते हैं. केयर रेटिंग्स ने कहा, 'पहली छमाही में आर्थिक उत्पादन में मजबूत विस्तार के साथ आर्थिक परिदृश्य में काफी सुधार हुआ है, जिससे दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि में आश्चर्यजनक इजाफा हुआ है.
कृषि विकास दर धीमी बनी हुई है
आरबीआई फाइनेंशियल ईयर 2024 के लिए अपने पहले के विकास अनुमानों को करीब 20-30 बीपीएस तक बदलाव कर सकता है. हालांकि कुछ क्षेत्रों में, विशेषकर ग्रामीण मांग में विशिष्ट चुनौतियां बनी हुई हैं. केयर रेटिंग्स के अनुसार, उम्मीद से कम खरीफ उत्पादन और रबी की बुआई के कारण कृषि विकास दर धीमी बनी हुई है. मुद्रास्फीति का दबाव कम हुआ है, लेकिन खाद्य कीमत चिंता का कारण बनी हुई है. कृषि उत्पादन में गिरावट से मुद्रास्फीति के आंकड़ों में अतिरिक्त वृद्धि का जोखिम पैदा हो सकता है.
GDP डाटा एमपीसी के पिछले पूर्वानुमान से काफी अधिक
मुद्रास्फीति पर सतर्क रहते हुए आरबीआई द्वारा आर्थिक वृद्धि को समर्थन जारी रखने की संभावना है. केयर रेटिंग्स ने कहा, 'हमारा अनुमान है कि आरबीआई अपनी नीतिगत दरों और रुख में किसी तरह का बदलाव नहीं करेगा. हमें इस वित्तीय वर्ष में आरबीआई द्वारा दरों में कोई और बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं है.' आईसीआरए लिमिटेड की अदिति नायर ने कहा, 'वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही के लिए जीडीपी डेटा एमपीसी के पिछले पूर्वानुमान की तुलना में काफी अधिक है, और खाद्य मुद्रास्फीति के विभिन्न पहलुओं पर जारी चिंताओं के साथ, हम उम्मीद करते हैं कि एमपीसी दिसंबर 2023 की समीक्षा में रोक को जारी रखेगी.'
आरबीआई एमपीसी की मीटिंग 6 दिसंबर को शुरू होगी और इसका परिणाम 8 दिसंबर को जारी किया जाएगा. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास 8 दिसंबर को सुबह 10 बजे के करीब एमपीसी में लिए गए फैसलों के बारे में जानकारी देंगे. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास 8 दिसंबर को दोपहर में एक पोस्ट-पॉलिसी प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करेंगे.