मुंबई: हर आम नागरिक के मन में बस यही सवाल है कि मुंबई पहले से ही कोरोना वायरस महामारी की सबसे ज्यादा चपेट में है. सपनों के शहर मुंबई में पहले ही कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा लोग संक्रमित हैं. लेकिन इस बीच एक और बुरी खबर आ रही है. IIT Bombay की एक ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि आने वाला मानसून मुंबई में कोरोना वायरस के मामलों और बढ़ोतरी करेगा.

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और फैलेगा मुंबई में संक्रमण
आईआईटी बॉम्बे की स्टडी के मुताबिक मानसून के दौरान कोरोना वायरस से संक्रमण तेज हो सकता है. स्टडी में दावा है कि ह्यूमिडिटी यानी नमी बढ़ने पर वातावरण में कोरोना वायरस अधिक समय तक जिंदा रह सकता है. इस स्टडी को आईआईटी बॉम्बे के दो प्रोफेसरों ने किया है जिनका मानना है कि अधिक तापमान और कम नमी की वजह से खांसी या छींक के ड्रॉपलेट्स सूखने में कम समय लगता है. लेकिन मानसून के दौरान नमी रहेगी और लोगों की खांसी सूखने में ज्यादा वक्त लगेगा. इसकी वजह से संक्रमण और फैलने की आशंका है. ये रिसर्च अमेरिका के एक जर्नल में प्रकाशित हुई है. 

शोध के लिए अन्य देशों के मामलों को भी शामिल किया गया
इस ताजा शोध के मुताबिक ड्रॉपलेट सूखने में सबसे कम समय सिंगापुर में लगा और सबसे ज्यादा वक्त न्यूयॉर्क में लगा. यही कारण है कि न्यूयॉर्क दुनिया में कोरोना संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित शहरों में से एक है. 


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मुंबई ने वुहान को कोरोना संक्रमण के मामले में पीछे छोड़ा 
ताजा आंकड़ो के मुताबिक वुहान को मुंबई ने कोरोना संक्रमण के मामले में पीछे छोड़ दिया है. वुहान में अब तक कोरोना संक्रमण के 50,340 मामले आ चुके हैं. जबकि मुंबई में 51,100 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. कोरोना संक्रम के ऐसे हालात सिर्फ मुंबई में नहीं हैं बल्कि महाराष्ट्र में भी कोरोना संक्रमण बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है. 


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