महंगाई की मार झेल रहे लोगों को RBI ने नहीं दी राहत, मौद्रिक नीति समीक्षा के नतीजे जारी
मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने बुधवार को बताया कि रिजर्व बैंक ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट (Repo Rate and Reverse Repo Rate) में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है.
नई दिल्ली: मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने बुधवार को ब्याज दरों पर लिए गए फैसलों का ऐलान किया और महंगाई की मार झेल रहे आम लोगों को किसी तरह की राहत नहीं दी. शक्तिकांत दास ने नतीजों की घोषणा करते हुए बताया कि रिजर्व बैंक ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट (Repo Rate and Reverse Repo Rate) में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है. बता दें कि आरबीआई के इस फैसले के बाद ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं होगा.
पॉलिसी दरों में कोई बदलाव नहीं
एमपीसी बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने कहा, 'मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने रेपो रेट को 4 प्रतिशत पर रखने के लिए सर्वसम्मति से मतदान किया. रिवर्स रेपो रेट को भी 3.35 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा गया है. इसके साथ ही मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) और बैंक दरों में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है. इसे 4.25 प्रतिशत रखा गया है.'
क्या होता है रेपो और रिवर्स रेपो रेट?
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) जिस दर पर बैंकों को लोन देता है, उसे रेपो रेट (Repo Rate) कहा जाता है. इसी कर्ज से बैंक अपने ग्राहकों को लोन देते हैं. यानी रेपो रेट कम होने पर लोन पर ब्याज दरें कम होती है और रेपो रेट बढ़ने पर बैंक ब्याज दरें बढ़ा सकते हैं. वहीं रिवर्स रेपो रेट (Reverse Repo Rate) रेपो रेट से ठीक उल्टा होता है और यह वह दर है, जिस पर बैंकों की ओर से जमा राशि पर आरबीआई ब्याज देता है. रिवर्स रेपो रेट के जरिए बाजारों में लिक्विडिटी यानी नकदी को नियंत्रित किया जाता है.
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'निजी निवेश में तेजी लाने की जरूरत'
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वैश्विक बाजारों में कोविड-19 महामारी के चलते बहुत सी चुनौतियां आई हैं और भारत के सामने भी बहुत से चैलेंज रहे हैं, जिनका सामना करने में आरबीआई ने अहम भूमिका निभाने की कोशिश की है. अब हम कोरोना से निपटने के लिए पहले से बेहतर स्थिति में हैं. शक्तिकांत दास ने कहा कि देश में अभी भी निजी निवेश में तेजी लाने की जरूरत है. देश के कुछ हिस्सों में आई प्राकृतिक आपदाओं के चलते भी राज्यों से आने वाले राजस्व पर असर पड़ा है.
जीडीपी के लक्ष्य में भी बदलाव नहीं
मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के लक्ष्य में कोई बदलाव नहीं किया गया है. वित्त वर्ष 2021-22 में आर्थिक विकास दर (Economic Growth Rate) का लक्ष्य 9.5 फीसदी रखा गया है.
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