Mukesh Ambani: एशिया के सबसे अमीर उद्योगपति और रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी लगातार अपने कारोबार का विस्तार कर रहे हैं. पेट्रोकैमिकल से लेकर टेलीकॉम्यूनिकेश तक, ग्रीन एनर्जी से लेकर रिटेल तक अंबानी का कारोबार फैला है. अब उनकी नजर 49000 करोड़ के मार्केट वाले सेगमेंट पर है. मुकेश अंबानी इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए बैटरी का निर्माण करने जा रहे हैं. सरकार की ओर से इस बारे में जानकारी दी गई, जिसमें बताया गया कि देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड को एसीसी बैटरी स्टोरेज के लिए 10 गीगावाट बैटरी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने की मंजूरी दी गई है. मुकेश अंबानी को इसके लिए सरकार की ओर से 3,620 करोड़ रुपए की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का लाभ भी मिलेगा.  


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49000 करोड़ के मार्केट पर अंबानी की नजर  


रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2023 में भारत में ईवी बैटरी मार्केट का साइज करीब 5.9 अरब डॉलर यानी 49000 करोड़ रुपये का है . वहीं उम्मीद की जा रही है कि साल 2028 तक इसका मार्केट साइज 10.14 अरब डॉलर यानी लगभग दोगुना हो जाएगी. जो सेक्टर इतनी तेजी से बड़ रही है, उसमें रिलायंस की एंट्री ने प्रतिस्पर्धा बढ़ा दी है.  


इन कंपनियों को मात लेकर सबसे आगे आई रिलायंस  


भारी उद्योग मंत्रालय को  एडवांस कैमिलि सेल यानी एसीसी मैन्युफैक्चरिंग की पीएलआई योजना के लिए जारी ग्लोबल टेंडर के तहत  सात बोलियां मिली थीं. इसमें 10 गीगावाट घंटे की एसीसी बैटरी भंडारण इकाई के लिए 3,620 करोड़ रुपये का अधिकतम बजट रखा गया था. बोली लगाने वाली कंपनियों की सूची में निम्नलिखित कंपनियां शामिल थी. 


  •  एसीएमई क्लीनटेक सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड

  • अमारा राजा एडवांस्ड सेल टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड

  • अन्वी पावर इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड

  • जेएसडब्ल्यू नियो एनर्जी लिमिटेड

  • लुकास टीवीएस लिमिटेड

  • रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड

  • वारी एनर्जीज लिमिटेड 


और इस तरह से रिलायंस ने मारी बाजी  


मंत्रालय ने सभी सात बोलियों का मूल्यांकन करने के बाद वित्तीय आकलन के लिए छह कंपनियों को चुना था. मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा,  रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड को गुणवत्ता और लागत आधारित चयन प्रणाली (क्यूसीबीएस) के आधार पर पीएलआई योजना के तहत 10 गीगावाट घंटे एसीसी क्षमता के लिए चुना गया है. मंत्रालय ने कहा कि इस इकाई की स्थापना के लिए बोलीदाता यानी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड का चयन अधिकतम कुल स्कोर के आधार पर किया गया है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मई, 2021 में पीएलआई योजना के तहत एसीसी बैटरी भंडारण पर राष्ट्रीय कार्यक्रम  पर 18,100 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 50 गीगावाट घंटा की विनिर्माण क्षमता हासिल करने का लक्ष्य घोषित किया था.