DGGI detects GST evasion: जीएसटी जांच शाखा डीजीजीआई ने वित्त वर्ष 2023-24 में 2.01 लाख करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी से जुड़े 6084 मामलों का पता लगाया है. यह राशि 2022-23 के दौरान 4872 मामलों में पकड़ी गई 1.01 लाख करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी से दोगुनी है. जांच के दौरान ऑनलाइन गेमिंग, बीएफएसआई सेवाएं और धातु कारोबार सबसे अधिक कर चोरी की आशंका वाले क्षेत्र के रूप में उभरे हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इसके अलावा 2023-24 में 26605 करोड़ रुपये के स्वैच्छिक कर का भुगतान किया गया, जो 2022-23 के 20,713 करोड़ रुपये से अधिक है. जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार कर चोरी के लगभग 46 प्रतिशत मामले कर का भुगतान न करने (गुप्त आपूर्ति और कम मूल्यांकन के जरिये) से संबंधित हैं. 


ये भी पढ़ें: 206 घंटे का सफर, 87 शहर और 16 नदियों को पार करती है ट्रेन, ये है दुनिया का सबसे लंबा रेल सफर


20 प्रतिशत मामले फर्जी इनपुट से 


इसके अलावा 20 प्रतिशत मामले फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) से संबंधित हैं और 19 प्रतिशत मामले आईटीसी का गलत लाभ उठाने से संबंधित हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023-24 के दौरान ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र में 78 मामलों में 81875 करोड़ रुपये की अधिकतम कर चोरी पायी गई. इसके बाद बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं और बीमा (बीएफएसआई) क्षेत्र में 171 मामलों में 18,961 करोड़ रुपये की कर चोरी पकड़ी गई. 


लोहा, तांबा, स्क्रैप और मिश्र धातु क्षेत्रों में जीएसटी चोरी के 1,976 मामले पकड़े गए, जिनमें 16,806 करोड़ रुपये की कर चोरी हुई. पान मसाला, तंबाकू, सिगरेट और बीड़ी उद्योग में 212 मामलों के साथ 5,794 करोड़ रुपये की कर चोरी हुई. 


ये भी पढ़ें: क्यों परेशान है पड़ोसी देश? कहा- जल्दी शादी कर बच्चे पैदा करें लड़के-लड़कियां


मुंबई-दिल्ली टॉप पर


वित्तीय वर्ष 2023-24 में सबसे ज्याद मुंबई में 70985 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी पकड़ी गई है. वहीं, राजधानी दिल्ली इस लिस्ट में दूसरे स्थान पर है. दिल्ली में 18313 रुपये तो पुणे में 17328 करोड़ रुपये की चोरी पकड़ी गई हैं. इसके बाद गुरुग्राम में 15502 करड़ और हैदराबाद में 11081 करोड़ की जीएसटी चोरी पकड़ी गई है.