4 दिन `जेल` में काटे, 5 दिन भूखे रहे; नारायण मूर्ति को ऐसे आया इंफोसिस का आइडिया; आज 8 लाख करोड़ की कंपनी के मालिक
Infosys Share Price: एन नारायण मूर्ति ने अपने अनुभव के बारे में शेयर करते हुए बताया कि वह एक बार ट्रेन से सफर कर रहे थे. उस दौरान वह एक लड़की से बात करने लगे. कुछ देर बार देखा कि उसका पति कुछ पुलिस वालों के साथ वहां पहुंच गया.
NR Narayana Murthy Birthday: बात 70 के दशक की है. विदेश में नौकरी करते हुए एन नारायण मूर्ति (NR Narayana Murthy) ने यूरोप घूमने का फैसला किया. अपने करियर की शुरुआत में उन्हें यह आइडिया था कि घूमने का फैसला अब नहीं लिया तो घूम नहीं पाएंगे और दुनिया को समझ नहीं पाएंगे. बस फिर क्या वो निकल पड़े सैर पर, लेकिन हिचहाइकिंग के जरिये. हिचहाइकिंग यानी लिफ्ट लेकर फ्री में ट्रैवल करने का तरीका. नारायण मूर्ति ने संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन द्वारा न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित विशेष कार्यक्रम में अपने 120 घंटे भूखे रहने वाला किस्सा सुनाया था.
120 घंटे की भूख ने इंफोसिस के लिए भूख को बढ़ाया!
नारायण मूर्ति ने जिस कार्यक्रम के दौरान अपनी भूख का किस्सा सुनाया था, उसकी थीम 'खाद्य सुरक्षा में उपलब्धियां: सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में भारत के कदम' रखा गया था. लेकिन इस 120 घंटे तक की भूख ने कैसे उनकी इंफोसिस के लिए भूख को बढ़ा दिया! यह जानना भी काफी दिलचस्प है. आईटी दिग्गज ने अपनी कहानी एक ट्रैवलर पत्रिका के साथ शेयर की है. उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने अपनी सैलरी से 5,000 यूएस डॉलर बचाए थे, जिनमें से उन्होंने 450 अमेरिकी डॉलर अपने पास रखे और बाकी दान कर दिये. बचाए गए 450 डॉलर में से कुछ बचाए तो कुछ से जरूरी सामान खरीदकर वह सैर सपाटा करने निकल गए. इस दौरान लिफ्ट लेकर अपना सफर पूरा किया.
लड़की से बात करना पड़ गया भारी
यूरोप के कई शहर घूमते हुए मूर्ति निश पहुंचे जो अब सर्बिया में है, उस समय यह यूगोस्लाविया था तब. वहां खाने के लिए रेस्तरां गए तो खाना नहीं मिला. वह शनिवार की रात थी. अगले दिन संडे था. मूर्ति बताते हैं कि फिर वह सोफिया एक्सप्रेस में सवार हुए. उनकी सीट के ठीक सामने यूथ कपल बैठा था. मूर्ति को अंग्रेजी, फ्रेंच और रूसी भाषा अच्छी तरह बोलनी आती थी तो वह लड़की से बात करने लगे. कुछ देर बार देखा कि लड़का कुछ पुलिस वालों के साथ वहां पहुंच गया और कुछ बातचीत करने लगा. अगले ही पल मैंने खुद को धक्का खाते, ट्रेन से धकेल के ले जाते पाया. कुछ ही देर में 8 बाई 8 के कमरे में खुद को बंद पाया.
इस घटना ने इंफोसिस के लिए आइडिया दिया
सुबह से शाम हो गई लेकिन यहां भी खाने को कुछ नहीं मिला. मुझे लगा अब मैं नहीं जी पाऊंगा... मुझे गुरुवार को बाहर निकाला गया. मूर्ति के अनुसार तब मुझे ईस्ट और वेस्ट यूरोप के बीच का अंतर समझ में आया. वेस्ट में तरक्की थी खुले विचारों के थे जबकि ईस्ट में वामपंथ का दबदबा था. इस तरह मैं पूरे 120 घंटे भूखा रहा. उस भूख ने मुझे कन्फ्यूज लेफ्टिस्ट से धुर कैप्टलिस्ट बना दिया. मेरी सोच बदल गई. मुझे पूंजीवाद की अहमियत समझ आई, मैंने समझा कि देश के लिए पूंजीवादी जरूरी है, ऐसे व्यवसायी जरूरी हैं जो जॉब्स का सृजन करें और यह देश की तरक्की के लिए जरूरी है. नारायण मूर्ति ने अपने इसी टेलीफोनिक इंटरव्यू के अंत में कहा और शायद इसी घटना ने मुझे इंफोसिस का आईडिया भी दिया.
शेयर का हाल
इंफोसिस का शेयर मंगलवार को आधा प्रतिशत की तेजी के साथ 1873 रुपये पर बंद हुआ. इसके साथ ही कंपनी का मार्केट कैप बढ़कर 7,77,898 करोड़ रुपये हो गया है. शेयर का 52 हफ्ते का हाई लेवल 1,903 रुपये और लो लेवल 1,352 रुपये है.