Investment Schemes: नरेंद्र मोदी सरकार ने न्यू ईयर 2023 से पहले आम जनता को बड़ा तोहफा दिया है. सरकार ने एक जनवरी से नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट, पोस्ट ऑफिस फिक्स्ड डिपॉजिट, सीनियर सिटिजन्स सेविंग्स स्कीम पर ब्याज दरें बढ़ा दी हैं. पीपीएफ और सुकन्या समृद्धि स्कीम की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. ये इजाफा जनवरी-मार्च तिमाही की ब्याज दरों में किया गया है. 1 साल की सेविंग्स स्कीम पर ब्याज दर बढ़ाकर 6.6% की गई है, जो पहले 5.5 प्रतिशत थी. जबकि 2 साल की स्कीम पर 6.8% की दर से ब्याज मिलेगा, जो पहले 5.7 प्रतिशत था. 3 साल की स्कीम पर ब्याज दर बढ़कर 6.9% हो गई है, जो पहले 5.8 प्रतिशत थी. 


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वहीं 5 साल की स्कीम पर 7%  की दर से ब्याज मिलेगा, जो पहले 6.7 प्रतिशत थी.  सीनियर सिटीजन सेविंग प्लान पर ब्याज दर अब 8% हो गई है, जो पहले 7.6 प्रतिशत थी. मंथली इनकम प्लान पर ब्याज दर बढ़कर 7.1% हो गई है, जो पहले 6.7 प्रतिशत थी. इसके अलावा किसान विकास पत्र पर अब 7.2 प्रतिशत की दर से ब्याज मिलेगा. वहीं नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट पर ब्याज दर बढ़ाकर 7% कर दी गई है, जो पहले 6.8 प्रतिशत थी. वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार शाम एक सर्कुलर जारी किया, जिसमें कहा गया कि जनवरी-मार्च 2023 तिमाही के लिए इन छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में 110 बेसिस पॉइंट्स तक की बढ़ोतरी की गई है.


छोटी बचत योजनाओं पर कैसे तय होती है ब्याज दर


छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों की समीक्षा सरकार हर तिमाही में करती है. छोटी बचत योजनाओं के लिए ब्याज दर निकालने का फॉर्मूला श्यामला गोपीनाथ कमेटी ने दिया था. समिति ने सुझाव दिया था कि विभिन्न योजनाओं की ब्याज दरें समान मैच्योरिटी वाले सरकारी बांडों के प्रतिफल से 25-100 बीपीएस ज्यादा होनी चाहिए.


पिछली बार कब ब्याज दरों में हुई थी बढ़ोतरी


करीब चार साल के बाद सरकार ने पिछली तिमाही में कुछ छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में बढ़ोतरी की थी. अक्टूबर-दिसंबर 2022 तिमाही के लिए तीन छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में 10 बीपीएस से 30 बीपीएस की बढ़ोतरी की गई थी.


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