Narendra Singh Tomar: केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (narendra singh tomar) ने शुक्रवार को कहा कि सरकार मोटा अनाज (Millets) के उत्पादन और खपत को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में आईएनए के दिल्ली हाट में 'मोटा अनाज अनुभव केंद्र (एमईसी)' का उद्घाटन करने के बाद यह बात कही. सहकारी संस्था, नाफेड ने कृषि मंत्रालय के सहयोग से मोटा अनाज के लाभों के बारे में जागरूकता पैदा करने और आम जनता के बीच इसे अपनाने को प्रोत्साहित करने के लिए इस केंद्र की स्थापना की. इस मौके पर कृषि सचिव मनोज आहूजा और नाफेड के प्रबंध निदेशक (एमडी) राजबीर सिंह मौजूद थे.


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मोटे अनाज के सेवन से स्वास्थ्य को हैं कई फायदे
तोमर ने कहा, ‘‘हम देश में मोटे अनाज के उत्पादन, उपज, प्रसंस्करण और खपत को बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं.’’ मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि मोटा अनाज के सेवन के कई स्वास्थ्य लाभ हैं क्योंकि यह पौष्टिक है. तोमर ने कहा कि मोटा अनाज जलवायु के अनुकूल है और इसे कम पानी और उर्वरकों तथा कीटनाशकों के न्यूनतम उपयोग के साथ उगाया जा सकता है.


किसानों को मिलेगा फायदा
उन्होंने कहा कि मोटा अनाज के उत्पादन में वृद्धि से किसानों, विशेष रूप से छोटे एवं सीमांत किसानों की आय में भी वृद्धि होगी. तोमर ने कहा कि बड़ी संख्या में स्टार्टअप मोटा अनाज के क्षेत्र में सराहनीय काम कर रहे हैं.


मोटे अनाज का महत्व हो रहा कम
उन्होंने कहा कि भोजन की थाली में मोटे अनाज का महत्व समय के साथ कम हो गया है. सरकार मोटे अनाज को किसानों, पर्यावरण और उपभोक्ताओं के लिए अच्छी फसल के रूप में स्थापित करने के लिए अभियान के तौर पर काम कर रही है.


170 लाख टन से ज्यादा पैदा होता है मोटा अनाज
देश में 170 लाख टन से अधिक मोटे अनाज का उत्पादन होता है.  ज्वार, बाजरा, रागी, सावन, कंगनी, चीना, कोदो, कुटकी और कुट्टू कुछ प्रमुख मोटा अनाज हैं.