Online Shopping: आज के दौर में ऑनलाइन शॉपिंग करने का चलन काफी बढ़ गया है. लोग हर छोटा-बड़ा सामान ऑनलाइन मंगवा लेते हैं. दरअसल, ऑनलाइन सामान मंगवाने के कई फायदे हैं. एक तो इसमें डिस्काउंट भी मिल जाता है और ऊपर से सामान घर तक डिलीवर भी होता है, जिससे लोगों को सहूलियत मिलती है. हालांकि, अब सरकार ऑनलाइन शॉपिंग से संबंधित ही कुछ नीतियां लेकर आने वाली हैं. सरकार की ओर से राष्ट्रीय ई-कॉमर्स नीति लाई जा रही है, जिसका असर ऑनलाइन शॉपिंग पर भी पड़ सकता है.


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ऑनलाइन शॉपिंग


ताजा जानकारी के मुताबिक, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के जरिए तैयार की जा रही प्रस्तावित राष्ट्रीय ई-कॉमर्स नीति अंतिम चरण में है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि हितधारकों की राय जानने के लिए नीति का कोई नया मसौदा जारी नहीं किया जाएगा. दरअसल, इस नीति से ई-कॉमर्स कंपनियों को रेगुलराइज किया जाएगा, जिसका असर ऑनलाइन शॉपिंग पर दिख सकता है.


ई-कॉमर्स


ई-कॉमर्स कंपनियों के जरिए दिए जाने वाले डिस्काउंट, प्रोडक्ट से जुड़ी समस्याएं कई बार देखने को मिल चुकी हैं. ऐसे में इस नीति से काफी हद तक लोगों को राहत देने का काम किया जाएगा. उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने दो अगस्त को प्रस्तावित नीति पर ई-कॉमर्स कंपनियों और घरेलू व्यापारियों के एक निकाय के प्रतिनिधियों के साथ विस्तृत चर्चा की. इस बैठक में प्रस्तावित नीति पर संबंधित हितधारकों के बीच व्यापक स्तर पर आम सहमति उभरी.


मसौदा नीति नहीं


अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा, ''अब कोई मसौदा नीति नहीं आएगी. वह कवायद अब खत्म हो चुकी है. हमें बस अंतिम हस्ताक्षर का इंतजार है.'' उन्होंने कहा कि प्रस्तावित नीति को अब सरकार के शीर्ष स्तर पर भेजा जाएगा. डेटा स्थानीयकरण पर अधिकारी ने कहा कि ई-कॉमर्स कंपनियों को देश के कानून का पालन करना होगा. इससे पहले मंत्रालय ने दो मसौदा राष्ट्रीय ई-कॉमर्स नीतियां जारी की थीं. (इनपुट: भाषा)