नई दिल्ली: राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) ने सोमवार को कर्ज तले दबी एस्सार स्टील के लिए आर्सेलर मित्तल की 42,000 करोड़ रुपये की समाधान योजना को सशर्त मंजूरी दे दी. हालांकि, न्यायाधिकरण ने कहा कि यह उसके अंतिम आदेश पर निर्भर करेगा. न्यायमूर्ति एस जे मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने कहा कि वित्तीय और परिचालन कर्जदाता के बीच राशि के वितरण को लेकर समाधान पेशेवर पर कोई रोक नहीं है. 


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एनसीएलएटी ने कहा , " समाधान पेशवर निगरानी समिति का चेयरपर्सन होगा और यह कानून के अनुसार काम करके यह सुनिश्चित करेगा कि कंपनी परिचालन में बनी रहे. " न्यायाधिकरण ने यह भी कहा कि वह वित्तीय और परिचालन कर्जदाताओं के बीच राशि के भेदभावपूर्ण वितरण के मुद्दे पर भी विचार करेगा. एनसीएलएटी ने भारतीय दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता बोर्ड (IBBI) को वित्तीय और परिचालन कर्जदाताओं के बीच धन के वितरण का अनुपात पेश करने के लिए भी कहा है. 


एस्सार स्टील के 15000 करोड़ के NPA को बेचेगी स्टेट बैंक


एस्सार स्टील के निदेशकों ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की अहमदाबाद पीठ के उस फैसले पर चुनौती दी थी जिसमें उसने आर्सेलर मित्तल एसए की बोली को मंजूरी दी है. याचिका में कहा गया था कि कंपनी के प्रवर्तक की 54,389 करोड़ रुपये की पेशकश बेहतर थी क्योंकि इससे वित्तीय और परिचालन कर्जदाताओं का सारा बकाया चुकता हो सकता है. 


स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने भी समाधान योजना के खिलाफ एनसीएलएटी का रुख किया था क्योंकि इस योजना के तहत उसे कुल बकाया का सिर्फ 1.7 प्रतिशत मिला था जबकि कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) के अन्य वित्तीय कर्जदाताओं को अपने बकाये का 85 प्रतिशत तक मिला है.