Milk Price: ये क्या हुआ! अगर रोजाना दूध खरीदते हो तो जानें अहम अपडेट, बाजार में मच सकती है उथल-पुथल
Milk: निर्यात प्रतिस्पर्धी होने के लिए आयात की तुलना में अधिक ऊंची प्रतिस्पर्धा की आवश्यकता होती है. चंद के अनुसार, कोई देश तबतक निर्यात की दृष्टि से प्रतिस्पर्धी नहीं हो सकता है जब तक वह आयात के साथ प्रतिस्पर्धा करने में असमर्थ है और यह मुद्दा भारत में डेयरी उद्योग के भविष्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण है.
Milk in India: भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश बन चुका है और यदि उसे अपने अधिशेष दूध के लिए वैश्विक बाजार में हिस्सा हासिल करना है, तो निर्यात की दृष्टि से प्रतिस्पर्धी बनना होगा. नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने यह बात कही है. चंद ने डेयरी उद्योग पर अपने विचार पत्र (वर्किंग पेपर) में कहा कि भारत का डेयरी उद्योग किसी भी ऐसे मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) का विरोध करता रहा है, जिसमें डेयरी उत्पादों में व्यापार का उदारीकरण (आयात) शामिल हो. हालांकि, यदि हमें भविष्य में अपने दूध के अधिशेष उत्पादन का निपटान करना है, तो अपनी निर्यात प्रतिस्पर्धा बढ़ानी होगी.
डेयरी उद्योग
उन्होंने लिखा है कि निर्यात प्रतिस्पर्धी होने के लिए आयात की तुलना में अधिक ऊंची प्रतिस्पर्धा की आवश्यकता होती है. चंद के अनुसार, कोई देश तबतक निर्यात की दृष्टि से प्रतिस्पर्धी नहीं हो सकता है जब तक वह आयात के साथ प्रतिस्पर्धा करने में असमर्थ है और यह मुद्दा भारत में डेयरी उद्योग के भविष्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि डेयरी उद्योग को अपने कुछ घरेलू उत्पादन को विदेशी बाजारों में भेजने का रास्ता निकालना होगा. उन्होंने साथ ही सुझाव दिया कि सिर्फ तरल दूध को भेजने के बजाय हमें विभिन्न उत्पादों का प्रसंस्करण कर निर्यात करना चाहिए.
इंडियन रेलवे | पुरानी पेंशन योजना |
7th पे कमीशन | PPF स्कीम अपडेट |
गोल्ड प्राइस टुडे | नितिन गडकरी टोल टैक्स |
निवेश
चंद ने कहा, ‘‘इसके लिए मूल्य श्रृंखला सहित डेयरी उद्योग में निवेश में कुछ बदलाव की जरूरत होगी. अगर भारत दूध की गुणवत्ता और पशुधन स्वास्थ्य के मुद्दे को हल कर पाता है, तो वह कुछ बड़े बाजारों में अपनी पैठ बना सकता है.’’ चंद ने सुझाव दिया कि अगले 25 साल के लिए डेयरी उद्योग का लक्ष्य और दृष्टिकोण भारत को डेयरी उत्पादों का सबसे बड़ा निर्यातक बनाने का होना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘यह एक लंबा सिलसिला होगा, लेकिन डेयरी क्षेत्र की पिछली उपलब्धियों को देखते हुए चुनौतीपूर्ण होने के बावजूद इसे हासिल किया जा सकता है.’’
घरेलू उत्पादन
देश के कुल घरेलू उत्पादन का आधा प्रतिशत से भी कम दूध का निर्यात होता है. 2021 में विश्व का डेयरी निर्यात 63 अरब डॉलर था. वहीं भारत का निर्यात सिर्फ 39.2 करोड़ डॉलर था. चंद ने बताया कि हालिया दूध उत्पादन के आंकड़ों से पता चलता है कि यह सालाना 5.3 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है. यहां यह उल्लेखनीय है कि 2005 के बाद से दूध उत्पादन की वृद्धि दर ऊंची रही है. इसकी वजह यह है कि उस समय के बाद से विदेशी नस्लों के बजाय स्वदेशी नस्लों पर जोर दिया जाने लगा.
दूध उत्पादन
भारत में प्रति व्यक्ति दूध उत्पादन अब निर्धारित आहार स्तर से अधिक हो गया है. एनआईएन-आईसीएमआर द्वारा सुझाया गया प्रति व्यक्ति प्रतिदिन दूध का उत्पादन 377 ग्राम है. उन्होंने लिखा है कि देश के डेयरी क्षेत्र ने 1970 में ‘ऑपरेशन फ्लड’ की शुरुआत के बाद से काफी तेजी से प्रगति की है. इससे पहले देश का दूध उत्पादन आबादी के अनुपात में भी नहीं बढ़ पा रहा था.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले ताज़ा ख़बर अभी पढ़ें सिर्फ़ Zee News Hindi पर| आज की ताजा ख़बर, लाइव न्यूज अपडेट, सबसे ज़्यादा पढ़ी जाने वाली सबसे भरोसेमंद हिंदी न्यूज़ वेबसाइट Zee News हिंदी|