Nirmala Sitharaman in US: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार, सरकार की प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) योजनाओं से भारत ने पिछले आठ साल में 40 अरब डॉलर की राशि चोरी होने से बचाई है. इस हफ्ते अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान पेंसिल्वेनिया यून‍िवर्स‍िटी के व्हार्टन बिजनेस स्कूल में सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार के 51 से ज्‍यादा मंत्रालय और विभाग अब अलग-अलग डीबीटी योजनाओं का इस्‍तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस सरकारी योजना के जर‍िये पिछले आठ साल में अब तक कुल 450 अरब डॉलर से ज्‍यादा की धनराशि ट्रांसफर की जा चुकी है.


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'मैं चोरी को हावी नहीं होने देना चाहती'


उन्होंने वहां मौजूद लोगों से कहा, 'वित्त मंत्री के रूप में मुझे चोरी को रोकना होगा. मुझे यह सुन‍िश्‍च‍ित करना होगा कि हर टैक्‍सपेयर का रुपया सही तरीके से खर्च हो, उसका सही हिसाब-किताब हो. मैं चोरी को हावी नहीं होने देना चाहती.' आधार-लिंक्ड डीबीटी के जरिए अलग-अलग कल्याणकारी योजनाओं से नकद लाभ सीधे लाभार्थियों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाता है. इस सुविधा के साथ दस्तावेजों की जरूरत खत्म हो जाती है और फर्जी लाभार्थियों जैसी परेशानी भी नहीं आती.


3.04 लाख करोड़ देशभर के 11 करोड़ क‍िसानों को बांटे गए
दुनिया की सबसे बड़ी डीबीटी योजना, पीएम-किसान स्कीम के साथ 3.04 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा राशि देशभर के 11 करोड़ से ज्यादा किसानों को पहले ही वितरित की जा चुकी है. पीएम किसान की 18वीं किस्त के साथ लाभार्थियों को हस्तांतरित कुल राशि 3.24 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गई है. यह पहल दुनिया की सबसे बड़ी डीबीटी योजनाओं में से एक है, जो पारदर्शी नामांकन और किसानों को कल्याणकारी निधियों के हस्तांतरण के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का लाभ उठाती है.


पीएम-किसान योजना ने साहूकारों पर निर्भरता समाप्त कर दी है तथा टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा दिया है. बिचौलियों को समाप्त कर, यह योजना सुनिश्‍च‍ित करती है कि सभी किसानों तक समान सहायता पहुंचे. इसके अलावा, प्रधानमंत्री जनधन योजना (PMJDY) वित्तीय समावेशन को और बढ़ावा देती है, जिसके तहत 523 मिलियन से ज्‍यादा बैंक अकाउंट खोले गए हैं और हाशिए पर पड़े वर्गों को औपचारिक वित्तीय प्रणाली में लाया गया है.


सरकार के अनुसार, आधार-संचालित इस दृष्टिकोण ने न केवल लोगों को सशक्त बनाया है, बल्कि सरकारी योजनाओं में करोड़ों फर्जी, गैर-मौजूद और अयोग्य लाभार्थियों को हटाकर देश के खजाने में भी बड़ी बचत की है. उदाहरण के लिए, आधार-संचालित डीबीटी के कारण 4.15 करोड़ से अधिक फर्जी एलपीजी कनेक्शन और 5.03 करोड़ डुप्लिकेट राशन कार्ड समाप्त हो गए हैं, जिससे रसोई गैस और खाद्य सब्सिडी जैसी आवश्यक सेवाओं का वितरण सुचारू हो गया है. (IANS)