GST काउंसिल की मीटिंग के बाद क्या हुआ सस्ता-महंगा? वित्त मंत्री ने दी जानकारी
Nirmala Sitharaman: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर बैठक में लिये गए फैसलों के बारे में जानकारी दी.
GST Council Meeting: जीएसटी काउंसिल की 49वीं बैठक शनिवार शाम को संपन्न हो गई. इस दौरान कई अहम फैसले लिए गए. पेट्रोलिय प्रोडक्ट को जीएसटी के दायरे में लाये जाने के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के हालिया बयान के बाद कुछ लोग पेट्रोल-डीजल के रेट में कमी आने की उम्मीद लगाए बैठे थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में तरल गुड़ (राब), पेंसिल शार्पनर और चुनिंदा ट्रैकिंग उपकरणों पर जीएसटी घटाने का फैसला किया. इससे ये तीनों ही चीजें सस्ती हो गई हैं.
जल्द कर दिया जाएगा बकाये का भुगतान
इसके अलावा सालाना रिटर्न भरने में देरी पर लगने वाले विलंब शुल्क को युक्तिसंगत करने पर भी फैसला हुआ. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर बैठक में लिये गए फैसलों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि जून के 16,982 करोड़ रुपये समेत जीएसटी क्षतिपूर्ति के सारे बकाया का जल्द भुगतान राज्यों को कर दिया जाएगा. बैठक में सीतारमण के अलावा राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों और विभिन्न वरिष्ठ अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया.
टैक्स चोरी पर लगाम लगाई जाएगी
वित्त मंत्री ने बताया कि पान मसाला और गुटखा उद्योग में हो रही टैक्स चोरी पर लगाम लगाई जाएगी. इसके लिए ओडिशा के वित्त मंत्री की अध्यक्षता में गठित मंत्रियों के समूह (GOM) की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि बैठक में तरल गुड़ पर पैकिंग से पहले जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का फैसला किया गया. पेंसिल शार्पनर पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई.
काउंसिल की तरफ से यह फैसला किया गया कि यदि टैग-ट्रैकिंग डिवाइस या डेटा लॉगर जैसा उपकरण कंटेनर पर पहले से ही चिपका हुआ है, तो उस डिवाइस पर कोई आईजीएसटी नहीं लगाया जाएगा. वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी काउंसिल ने फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के बाद 20 करोड़ के व्यापार वाले पंजीकृत व्यक्तियों के लिए नियत तिथि के बाद सालाना जीएसटी रिटर्न भरने पर फॉर्म जीएसटीआर-9 विलंब शुल्क को युक्तिसंगत बनाने का फैसला लिया है.
एक वित्तीय वर्ष में पांच करोड़ रुपये के व्यापार वाले व्यक्ति पर एक दिन का विलंब शुल्क 50 रुपये है, जो व्यापार के अधिकतम 0.04 प्रतिशत के अधीन है. पांच करोड़ से 20 करोड़ रुपये तक के व्यापार वाले व्यक्ति पर विलंब शुल्क 100 रुपये प्रतिदिन हो जाएगा. यह भी कुल व्यापार के 0.04 के अधीन है. (Input : PTI)
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