नई दिल्ली : केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को एथेनॉल से चलने वाले ऑटो में बैठकर सवारी की. इस मौके पर उन्होंने एथेनॉल से चलने वाले वाहनों के बारे में विस्तार से जानकारी भी ली. इस दौरान एथेनॉल से चलने वाली बाइक की भी टेस्टिंग की गई. गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री ने हाल ही में बताया था कि जल्द ही एथेनॉल और पेट्रोल दोनों से चलने वाली बाइक लॉन्च की जाएंगी. दरअसल सरकार एथेनॉल से चलने वलो वाहनों को तैयार कर महंगे पेट्रोल का विकल्प तलाश रही है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

प्रदूषण के स्तर में कमी आएगी
दूसरी तरहफ एथेनॉल से वाहनों के चलने से प्रदूषण में भी कमी आएगी. कुछ दिन पहले भी केंद्रीय परिवहन मंत्री ने कहा था कि मोटर साइकिल बनाने वाली दो बड़ी कंपनियां देश में जल्द ही दो तरह के ईंधन से चलने वाली मोटर साइकिल उतारने की तैयारी में हैं. नितिन गडकरी ने जानकारी देते हुए बताया था कि दो तरह के ईधन से चलने वाली यानी फ्लेक्स इंजन वाली बाइक पेट्रोल के साथ-साथ एथेनॉल से भी चलने में भी सक्षम होगी.



यह भी पढ़ें : SBI के जमा दरें बढ़ाने से आम लोगों को नहीं होगा फायदा, उलटे लोन महंगा होने के आसार


एथेनॉल का उत्पादन बढ़ाने पर भी जोर
गडकरी देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ एथेनॉल जैसे वैकल्पिक ईंधन से चलाए जाने में सक्षम वाहनों को प्रोत्साहन देने की वकालत करते रहे हैं. एथेनॉल आधारित परिवहन को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने एथेनॉल का उत्पादन बढ़ाने पर भी जोर दिया है. गडकरी ने कहा था 'महीने के अंत तक दोपहिया वाहन बनाने वाली दो कंपनियों ने इलेक्टि्रक के साथ-साथ दो तरह के ईधन से चलने में सक्षम मोटर साइकिल बाजार में उतारने का वादा किया है. इन मोटर साइकिल को 100 फीसद पेट्रोल या 100 फीसद एथेनॉल पर चलाया जा सकेगा.'


धान की पराली से बन सकता है एथेनॉल
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा था कि अभी कच्चे तेल के आयात पर सात लाख करोड़ रुपये खर्च किया जाता है. यदि स्वदेशी एथेनॉल की मदद से इसमें दो लाख करोड़ रुपये बचाने में भी सफल हुए, तो यह कृषि अर्थव्यवस्था को बदलने वाला कदम होगा. सरकार ऐसी नीतियों पर काम कर रही है, जिनसे गेहूं, धान, बांस की पराली के अलावा अन्य चीजों से एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा दिया जा सके. गडकरी ने बताया था कि एक टन धान की पराली से 280 लीटर एथेनॉल बन सकता है.



यह भी पढ़ें : यदि आप भी नौकरी करते हैं तो कल का दिन आपके लिए क्यों है खास?


इससे देश में एक नया उद्योग खड़ा होगा. यह प्रदूषण मुक्त और स्वच्छ ईधन होगा. उन्होंने कहा कि जब अमेरिका, ब्राजील और कनाडा में मर्सिडीज, बीएमडब्ल्यू, फोर्ड या टोयोटा जैसी कंपनियां फ्लेक्स इंजन वाले वाहन चला सकती हैं, तो भारत में ऐसा क्यों नहीं हो सकता.


बिजनेस से जुड़ी अन्य खबरों के लिए क्लिक करें