GPS Based Toll System: अगर आप भी हाइवे पर अपनी कार से सफर करते हैं तो टोल प्‍लाजा पर लगने वाला समय आपको अच्‍छा नहीं लगता होगा. सरकार की तरफ से लगातार टोल प्‍लाजा पर लगने वाले औसत समय को कम करने की कोश‍िश की जा रही है. इसी क्रम में देश में हाइवे पर मौजूदा टोल प्लाजा को हटाने के लिए सरकार अगले छह महीने में जीपीएस आधारित टोल कलेक्‍शन स‍िस्‍टम समेत अन्य तकनीक पेश करेगी. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस बारे में जानकारी दी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

राजमार्गों पर वाहनों को जाम से बचाना मकसद
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य राजमार्गों पर वाहनों को जाम से बचाना है. उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के एक कार्यक्रम में गडकरी ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) का इस समय टोल राजस्व 40,000 करोड़ रुपये है. अगले दो से तीन साल में यह बढ़कर 1.40 लाख करोड़ हो जाएगा. उन्होंने कहा, 'सरकार देश में राजमार्गों पर स्थित टोल प्लाजा को हटाने के लिए जीपीएस बेस्‍ड टोल स‍िस्‍टम जैसी तकनीक लाने पर विचार कर रही है. हम छह महीने में नई तकनी लेकर आएंगे.'


टेस्‍ट‍िंग मोड पर काम चल रहा
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय वाहनों को रोके बिना टोल कलेक्‍शन करने के लिए ऑटोमेट‍िक नंबर प्लेट पहचान प्रणाली (स्वचालित नंबर प्लेट रीडर कैमरा) की परीक्षण योजना पर काम कर रहा है. वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान, टोल प्लाजा पर एक वाहन के रुकने का औसत समय 8 मिनट था. 2020-21 और 2021-22 में फास्टैग आने के बाद टोल प्लाजा पर वाहनों के रुकने का औसत समय घटकर 47 सेकेंड रह गया है. (Input : PTI)


हिंदी ख़बरों के लिए भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com- सबसे पहले, सबसे आगे