नई दिल्ली : वित्त मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि जिन रीयल एस्टेट परिसंपत्तियों के लिए बिक्री के समय कार्य समापन प्रमाणपत्र मिल चुका होगा, उनके खरीदारों को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) नहीं देना होगा. मंत्रालय ने कहा है कि बिक्री के समय कार्य समापन प्रमाण पत्र प्राप्त संपत्तियों पर जीएसटी नहीं लिया जाएगा, लेकिन निर्माणाधीन परिसंपत्तियां अथवा ऐसी तैयार परिसंपत्तियां जिनके लिए कार्यसमापन प्रमाणपत्र प्राप्त नहीं हुआ है, उनकी बिक्री पर जीएसटी देना होगा.


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वित्त मंत्रालय ने बिल्डरों से जीएसटी की घटी दर का लाभ खरीदारों को देने के लिए संपत्तियों के दाम कम करने को भी कहा है. वित्त मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है, “तैयार परिसंपत्तियों के खरीदारों के संज्ञान में यह बात लायी जा रही है कि सक्षम प्राधिकरण से काम पूरा होने का प्रमाणपत्र प्राप्त कर चुके परिसरों, भवनों और तैयार फ्लैटों की बिक्री पर किसी तरह का जीएसटी नहीं देना होगा.”


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मंत्रालय ने कहा है कि जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय नवीनीकरण मिशन, राजीव आवास योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना तथा राज्य सरकार की अन्य ऐसी सस्ती आवास परियोजनाओं पर 8 प्रतिशत की दर से जीएसटी लागू होगा. इस जीएसटी को बिल्डर अपने संचित इनपुट कर क्रेडिट में समायोजित कर सकते हैं.


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मंत्रालय की विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस प्रकार की सस्ती आवासीय परियोजनाओं के मामले में इनपुट कर क्रेडिट का समायोजन करने के बाद बिल्डर अथवा डेवलपर को ज्यादातर मामलों में जीएसटी का नकद भुगतान करने की आवश्यकता नहीं रह जायेगी. इन मामलों में बिल्डर के खातों में पहले ही काफी इनपुट टैक्स क्रेडिट एकत्रित हो चुका होगा जिसे वह जीएसटी के लिये समायोजित कर सकता है.


यह भी कहा गया है कि सस्ती आवासीय परियोजनाओं के अलावा दूसरी आवासी परियोजनाओं अथवा परिसरों और फ्लैट के दाम जीएसटी क्रियान्वयन की वजह से नहीं बढ़ने चाहिये। बिल्डर से कहा गया है कि वह निम्न कर बोझ का लाभ ग्राहकों तक पहुंचायें.