RBI Unclaimed Amount: बैंकों में जमा आप अपने पाई-पाई का हिसाब रखते होंगे, लेकिन आपको यकीन नहीं होगा कि देश के बैंकों में 78,213 करोड़ रुपये ऐसे भी है, जिन्हें क्लेम करने वाला कोई नहीं है. इन पैसों का कोई दावेदार नहीं है. सालों से ये करोड़ों रुपये बैंकों में पड़े हैं, जिन्हें लेने कोई नहीं आ रहा.  इन पैसों को पूछने वाला कोई नहीं है.  साल दर साल ये बिना दावे वाले ये पैसे बढ़ते जा रहे हैं. 


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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की सालाना रिपोर्ट  के मुताबिक देश के अलग-अलग बैंकों में करोड़ों रुपये जमा है, जिनका कोई दावेदार नहीं है.  बैंकों में बिना दावे वाली जमा रकम सालाना आधार पर 26 प्रतिशत बढ़कर 31 मार्च 2024  तक 78,213 करोड़ रुपये पर पहुंच गई. बीते साल यह रकम 62,225 करोड़ रुपये थी.  


कहां जमा है ये रकम 


सहकारी बैंकों सहित सभी बैंक खातों में बिना दावेवाली ये रकम 10 साल या उससे अधिक वक्त से पड़ी है. इतने सालों से कोई उन्हें लेने नहीं आ रहा है. इन रकम को बैंक भारतीय रिजर्व बैंक के जमाकर्ता शिक्षा एवं जागरूकता (डीईए) कोष में ट्रांसफर कर देते हैं.   नियम के मुताबिक अगर किसी खाताधारक की 10 या अधिक वर्षों से खाते में पड़ी राशि पर कोई दावा नहीं करता है या उस बैंक खाते से 10 साल या उससे अधिक वर्ष तक कोई लेनदेन नहीं होता तो उसे बिना दावे वाली राशि मान ली जाती है.  देशभर के बैंकों में इस तरह की रकम जमा है, जिसे लेने सालों से कोई नहीं पहुंचाय 


अब क्‍या इनका  


बिना दावे वाली रकम को बैंक आरबीआई के जमाकर्ता शिक्षा एवं जागरूकता (डीईए) कोष में स्थानांतरित कर देते हैं. आरबीआई इन पैसों को सामाजिक सरोकारों पर खर्च कर लेती है.  अगर आपके भी किसी जानने वाले की रकम इसी तरह से सालों से बैंक में बिना दावे की पड़ी है तो आरबीआई या बैंक से संपर्क कर सकते हैं. आरबीआई ने इसके लिए 100 डेज 100 पेज (भुगतान)  नाम से एक अभियान चलाया है. उसके बादे में आप उदगम (UDGAM) पोर्टल पर जाकर भी दावा कर सकते हैं. अगर आपके पास सभी दस्तावेज है और आपका दावा सही पाया जाता है तो आप इस लावारिस रकम को क्लेम कर सकते हैं.