नई दिल्ली : एक नये विवाद में फंसी नेस्ले इंडिया ने शुक्रवार को कहा कि उसके उत्पाद खाने के लिये सुरक्षित हैं और वह यथाशीघ्र मामले के समाधान के लिये अधिकारियों के साथ काम करेगी।


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उत्तर प्रदेश की एक सरकारी प्रयोगशाला में नेस्ले के पास्ता उत्पाद के नमूने के परीक्षण में सीसे की मात्रा स्वीकार्य सीमा से अधिक पाई गई है। नेस्ले ने कहा कि इस बारे में उसे उत्तर प्रदेश के संबद्ध प्राधिकरणों या एफएसएसएआई से कोई औपचारिक सूचना नहीं मिली है। 


कंपनी कहा, 'वह यथाशीघ्र मामले के समाधान के लिये अधिकारियों के साथ मिलकर काम करेगी।' नेस्ले इंडिया के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, 'मैगी पास्ता 100 फीसदी सुरक्षित है। तैयार उत्पाद और इसे बनाने में इस्तेमाल कच्चे माल की मैन्युफेक्चरिंग प्रक्रिया के हर चरण के दौरान कड़ा परीक्षण किया जाता है।' 


उसने कहा, 'हमने कुछ मीडिया रिपोर्ट्स को देखा है जिसमें दावा किया गया है कि पास्ता में सीसे की मात्रा अधिक पाई गई है। हम मामले की जांच कर रहे हैं। हमें इस प्रकार की रिपोर्ट से होने वाले भ्रम को लेकर अफसोस है। ये उत्पाद खाने के लिहाज से पूरी तरह सुरक्षित हैं।' इससे पहले, दिन में उत्तर प्रदेश सरकार के एक अधिकारी ने कहा था कि मउ में 10 जून को नेस्ले के वितरक श्रीजी ट्रेडर्स से पास्ता के नमूने लिये गए थे। उसे लखनऊ स्थित सरकारी प्रयोगशाला भेजा गया था।


मऊ के खाद्य एवं औषधि प्रशासन के विशेष अधिकारी अरविंद यादव ने संवाददाताओं को बताया कि 2 सितम्बर को आई रिपोर्ट में इन उत्पादों के नमूने जांच में असफल रहे। इनमें सीसे की मात्रा छह पीपीएम पाई गई जबकि स्वीकार्य मात्रा 2.5 पीपीएम है।