Old Pension को लेकर आई बड़ी खबर, लाखों सरकारी कर्मचारियों को लगा बड़ा झटका!
Old Pension Scheme Update: देश के कई राज्यों में इस समय पर ओल्ड पेंशन स्कीम लागू हो गई है. इस बीच हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड (HPSEB) के इंजीनियरों और कर्मचारियों के एक संयुक्त मंच ने पुरानी पेंशन योजना (OPS) को तत्काल प्रभाव से लागू करने की मांग की है.
Old Pension News: पुरानी पेंशन योजना (old pension) को लेकर देशभर के कई राज्यों में अभी भी बहस चल रही है. अब ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आ गया है. देश के कई राज्यों में इस समय पर ओल्ड पेंशन स्कीम लागू हो गई है. इस बीच हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड (HPSEB) के इंजीनियरों और कर्मचारियों के एक संयुक्त मंच ने पुरानी पेंशन योजना (OPS) को तत्काल प्रभाव से लागू करने की मांग की है.
इसके साथ ही मंच ने एचपीएसईबी की उत्पादन और पारेषण परिसंपत्तियों को क्रमशः एचपीपीसीएल (हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन) और एचपीपीटीसीएल (हिमाचल प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन) को हस्तांतरित करने के प्रस्ताव का भी विरोध किया है.
1.18 लाख लोगों ने चुना ओल्ड पेंशन का विकल्प
आपको बता दें हिमाचल प्रदेश में केवल 346 कर्मचारी ही राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली यानी एनपीएस में रहना चाहते हैं. करीब 1.18 लाख कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना यानी ओपीएस को चुना है. यहां पर सोमवार को ओल्ड पेंशन योजना और न्यू पेंशन योजना को चुनने का आखिरी मौका था. 4 मई को सरकार ने हिमाचल के कर्मचारियों को 2 महीने का समय दिया था.
जारी हुआ बयान
यहां जारी बयान के मुताबिक, संयुक्त मोर्चा की सोमवार को हुई बैठक में प्रमुख मांगों के संबंध में प्रस्ताव पारित किया गया. इसमें इस बात पर जोर दिया गया कि एचपीएसईबी की संपत्तियों को अलग करना न तो कर्मचारियों के हित में है और न ही बिजली उपभोक्ताओं के हित में है.
बैंठक में आया ये प्रस्ताव
एचपीएसईबी से एचपीपीसीएल को चार छोटी जलविद्युत परियोजनाएं स्थानांतरित करने पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए संयुक्त मोर्चा ने कहा कि ये परियोजनाएं उन्नत चरण में हैं और इस समय परियोजनाओं को स्थानांतरित करने से निष्पादन में लगभग दो साल की देरी होगी.
स्मार्ट मीटरिंग परियोजना का हुआ विरोध
एक अन्य प्रस्ताव में मोर्चा ने एचपीएसईबी में आरडीएसएस (पुनर्निर्मित वितरण क्षेत्र योजना) के तहत की जाने वाली स्मार्ट मीटरिंग परियोजना का कड़ा विरोध किया और कहा कि इससे एचपीएसईबी की वित्तीय सेहत और खराब हो जाएगी.