Gautam Adani Case Update: अडानी ग्रुप के खिलाफ अमेरिका में लगे रिश्वतखोरी के आरोप से जुड़े सिविल और क्रिमिनल तीन केस को डिस्ट्रिक जज गारौफिस को सौंपा गया है. अब इन मामलों की सुनवाई एक साथ होगी लेकिन ये अलग-अलग बने रहेंगे.
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Adani Bribery Case in US: अमेरिका में कारोबारी गौतम अडानी और अन्य पर लगे रिश्वतखोरी के आरोपों में बड़ा अपडेट आया है. न्यूयॉर्क की एक अदालत ने 265 मिलियन यूएस डॉलर के रिश्वतखोरी के आरोप में चल रहे दो मामलों और एक अन्य केस के साथ तीनों मामलों की एक साथ सुनवाई करने का आदेश दिया है. कोर्ट की तरफ से दिये गए आदेश में कहा गया कि तीनों मामलों की सुनवाई एक साथ एक ही कोर्ट में की जाए. अदालत की तरफ से यह फैसला तब दिया गया जब कोर्ट ने पाया कि तीनों मामले एक ही जैसे आरोप और लेन-देन से जुड़े हुए हैं. बाद में तीनों मामलों को एक ही अदालत को सौंप दिया गया.
किसी भी कॉन्फ्लिक्ट से बचने के लिए एक साथ होगी सुनवाई
इन मामलों को एक ही न्यायाधीश के सामने इसलिए रखा गया है ताकि किसी भी प्रकार के कॉन्फ्लिक्ट से बचा जा सके. अडानी ग्रुप के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोप से जुड़े सिविल और क्रिमिनल केस को अमेरिकी डिस्ट्रिक जज गारौफिस को सौंपा गया है. इन मामलों की सुनवाई एक साथ होगी लेकिन ये अलग-अलग बने रहेंगे. इसका सीधा सा मतलब यह हुआ कि एक ही अदालत सिविल और क्रिमिनल केस में सुनवाई के बाद आदेश जारी करेगी.
सिविल और क्रिमिनल केस एक न्यायाधीश को सौंपा गया
अमेरिकी न्याय विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन के समक्ष दायर सिविल और न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के समक्ष दायर क्रिमिनल केस अब एक न्यायाधीश को सौंपा गया है. लेकिन दोनों मामलों को एक नहीं किया गया है. आपको बता दें नवंबर में अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी पर अमेरिकी अभियोजकों ने कथित रिश्वतखोरी का आरोप लगाया था. इस खबर के आने के बाद शेयर बाजार में अडानी ग्रुप के स्टॉक्स में गिरावट देखी जा रही है.
क्या है पूरा मामला
पिछले दिनों गौतम अडानी और उनके कुछ साथियों पर अमेरिका में आरोप लगा कि उन्होंने सोलर एनर्जी का ठेका हासिल करने के लिए करीब 2300 करोड़ रुये की रिश्वत दी थी. अमेरिका अभियोजकों ने यह भी आरोप लगाया कि यह फैक्ट उन निवेशकों और अमेरिकी बैंकों से छिपाया गया, जिनसे प्रोजेक्ट के लिये पैसा जुटाया गया था. अडानी ग्रुप की तरफ से इन सभी आरोपों को निराधार बताया गया. ग्रुप की तरफ से जारी बयान में बताया गया कि वे हमेशा कानून का पालन करते हैं और ऐसा कुछ नहीं किया है.