Pakistan Inflation Rate: पाक‍िस्‍तान में महंगाई लगातार नए र‍िकॉर्ड बना रही है. एआरवाई न्यूज की तरफ से जारी आधिकारिक आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया गया क‍ि पाकिस्तान की महंगाई दर अगस्त में लक्ष्य से 27.4 प्रतिशत अधिक रही. पड़ोसी मुल्‍क में आईएमएफ लोन की जरूरतों के कारण कीमतों को न‍ियंत्र‍ित करना कठिन हो गया है.


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अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के 3 अरब अमेरिकी डॉलर के लोन के बाद पाकिस्तान आर्थिक सुधार की कठिन राह पर है. बेलआउट से जुड़े सुधार, जैसे आयात की सीमा को हटाना और सब्सिडी हटाने की मांग ने पहले ही सालाना महंगाई दर को बढ़ा द‍िया है. यहां पर मई में महंगाई बढ़कर रिकॉर्ड 38.0 प्रतिशत हो गई. इसके अलावा, ब्याज दरें बढ़ा दी गईं और पाक‍िस्‍तानी मुद्रा रिकॉर्ड निचले स्तर पर चली गई. मीड‍िया र‍िपोर्ट के अनुसार पिछले महीने मुद्रा में 6.2 फीसदी की गिरावट आई है.


पाकिस्तान के सांख्यिकी विभाग की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार, जुलाई की 28.3 प्रतिशत की दर से मामूली गिरावट के बावजूद, अगस्त में खाद्य मुद्रास्फीति 38.5 प्रतिशत के उच्च स्तर पर रही. नवंबर में होने वाले चुनाव से पहले महंगाई के कारण अर्थव्यवस्था की स्‍थ‍िति च‍िंताजनक बन रही है. इस कारण पड़ोसी मुल्‍क में रुक-रुक कर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.


जमात-ए-इस्लामी ने बिजली की बढ़ती कीमत के खिलाफ शनिवार को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है. आम पाकिस्तानियों का कहना है कि वे गुजारा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. महंगाई बढ़ने और नियंत्रित आयात के कारण पाकिस्तान प‍िछले एक दशक में अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहा है. विश्लेषकों का कहना है कि आईएमएफ समझौते के नहीं होने पर लोन ड‍िफॉल्‍ट में बढ़ सकता है.


आईएमएफ के साथ समझौता करने के लिए पाकिस्तान सरकार को 215 बिलियन पाक‍िस्‍तानी मुद्रा का अतिरिक्त टैक्‍स भी लगाना पड़ा. साथ ही खर्च में 85 बिलियन पाक‍िस्‍तानी रुपये की कटौती करनी पड़ी. आईएमएफ की शर्तों के तहत, पाकिस्तान में बिजली की कीमतें बढ़ गई हैं. इस कदम के बाद देश में सामाजिक अशांति पैदा हो गई है.