Petrol-Diesel Demand: पेट्रोल-डीजल की कीमतों (Petrol-Diesel Price) में लंबे समय से कोई बदलाव नहीं हो रहा है. भारत में अगस्त महीने के शुरुआती 15 दिनों में पेट्रोल और डीजल की खपत में गिरावट देखने को मिली है. सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. मानसून की वजह से पेट्रोल-डीजल की मांग में कमी आई है. बता दें आमतौर पर मानसून के चार माह के दौरान ईंधन की खपत कम रहती है.


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5.7 फीसदी घटी ईंधन की खपत
सरकारी जानकारी के मुताबिक, मानसून की वजह से आवाजाही प्रभावित होने और औद्योगिक गतिविधियों में सुस्ती की वजह से वाहन ईंधन की मांग में लगातार दूसरे महीने गिरावट आई है. देश में सबसे अधिक इस्तेमाल वाले ईंधन डीजल की खपत एक से 15 अगस्त के दौरान 5.7 फीसदी घटकर 26.7 लाख टन रह गई है. जुलाई के पहले पखवाड़े में भी ईंधन की खपत में भारी गिरावट आई थी. हालांकि, दूसरे पखवाड़े में मांग कुछ सुधरी थी.


जुलाई में कितनी थी डीजल की मांग?
इसके अलावा अगर मासिक आधार पर देखा जाए तो डीजल की बिक्री में 9.5 फीसदी की गिरावट आई है. जुलाई के पहले पखवाड़े में डीजल की बिक्री 29.5 लाख टन रही थी. डीजल की बिक्री आमतौर पर मानसून के महीनों में गिर जाती है क्योंकि बारिश के कारण कृषि क्षेत्र की मांग घट जाती है.


जून के दूसरे पखवाड़े से घट रही मांग
अप्रैल और मई में डीजल की खपत क्रमशः 6.7 फीसदी और 9.3 फीसदी बढ़ी थी. इसकी वजह यह है कि उस समय खेती के लिए डीजल की मांग में उछाल आया था. इसके अलावा गर्मी से बचाव के लिए वाहनों में एयर कंडीशनर का इस्तेमाल बढ़ा था. हालांकि, मानसून के आगमन के बाद जून के दूसरे पखवाड़े से डीजल की मांग घटने लगी थी.


कितनी घटी पेट्रोल की मांग?
पेट्रोल की मांग भी अगस्त के पहले पखवाड़े में पिछले साल की समान अवधि से आठ प्रतिशत घटकर 11.9 लाख टन रह गई है. जुलाई के पहले पखवाड़े में पेट्रोल की खपत में 10.5 फीसदी की गिरावट आई थी, लेकिन दूसरे पखवाड़े में बिक्री में सुधार आया था. आंकड़ों से पता चलता है कि मासिक आधार पर पेट्रोल की बिक्री 5.2 फीसदी घटी है.


कैसा रहा है पुराने सालों का रिकॉर्ड?
अगस्त के पहले पखवाड़े में पेट्रोल की खपत कोविड महामारी से प्रभावित अवधि यानी 1-15 अगस्त, 2021 की तुलना में 20.6 फीसदी अधिक रही है. वहीं, महामारी-पूर्व की अवधि यानी अगस्त, 2019 की तुलना में 25.6 फीसदी अधिक रही है. डीजल की खपत 1-15 अगस्त, 2021 की तुलना में 26 प्रतिशत और 1-15 अगस्त, 2019 की तुलना में 16.8 प्रतिशत अधिक रही है.


LPG का कैसा रहा हाल?
रसोई गैस की बिक्री समीक्षाधीन अवधि में 3.7 फीसदी बढ़कर 12.1 लाख टन पर पहुंच गई. अगस्त, 2021 के पहले पखवाड़े की तुलना में यह 12 फीसदी तथा कोविड-पूर्व की अगस्त, 2019 की समान अवधि की तुलना में यह 11.2 फीसदी अधिक है. मासिक आधार पर एलपीजी की मांग दो फीसदी घटी है. जुलाई के पहले पखवाड़े में एलपीजी की बिक्री 12.3 लाख टन रही थी.


हवाई यात्रियों की बढ़ रही है संख्या
इसके अलावा देशभर में हवाई यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इससे विमान ईंधन एटीएफ की मांग अगस्त के पहले पखवाड़े में 8.1 फीसदी बढ़कर 2,90,300 टन पर पहुंच गई है. अगस्त, 2021 के पहले पखवाड़े की तुलना में यह 66.7 फीसदी अधिक रही है. हालांकि, अगस्त, 2109 से यह 4.1 प्रतिशत कम है.


इनपुट - भाषा एजेंसी