Corona Bad Impact: सैलरी क्लास पर पड़ी सबसे ज्यादा मार, 70 लाख से ज्यादा पीएफ खाते हो गए बंद

कोरोना ने देश की अर्थव्यवस्था (Economy) को बुरी तरह से हिला दिया था, इस बात का गवाह पूरा देश है. रातों-रात लोग बेरोजगार हो गए तो चंद दिनों में रोटी के भी लाले पड़ गए. वैसे तो कोरोना के कहर से हर कोई परेशान रहा लेकिन सबसे ज्यादा मार सैलरी क्लास (Salary Class) पर पड़ी. ईपीएफओ (EPFO) के मुताबिक पिछले साल अप्रैल से दिसंबर के बीच 70 लाख से ज्यादा पीएफ खाते बंद कराए गए जो सैलरी क्लास (Salary Class) की बर्बादी की कहानी बयां कर रहा है.

ज़ी न्यूज़ डेस्क Tue, 16 Mar 2021-12:13 pm,
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8 महीने में 70 लाख से ज्यादा पीएफ खाते बंद

EPFO के मुताबिक पिछले साल लॉकडाउन के बाद देश में जो हालात बने, उसमें सबसे ज्यादा दिक्कत सैलरी क्लास लोगों को हुई. अप्रैल से दिसंबर के बीच 70 लाख से ज्यादा कर्मचारियों ने अपने पीएफ खाते बंद कराए.

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अप्रैल-दिसंबर 2020 के बीच निकासी भी बढ़ी

भविष्य निधि संगठन यानी कि EPFO के खाते में जो पैसा जमा कराया जाता है उसे लोग बेहद जरूरत के समय पर ही निकालते हैं. पिछले साल अप्रैल से दिसंबर के बीच पीएफ खातों से 73,498 करोड़ रुपये निकाले गए. ये आंकड़ा साल 2019 के हिसाब से करीब 18 हजार करोड़ रुपये ज्यादा था.

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निकासी नियमों में दी गई थी छूट

कोरोना काल में सरकार ने पीएफ खातों से रुपये निकालने पर बड़ी छूट दी थी. तब खाताधारकों को मूल वेतन और महंगाई भत्‍ते से नॉन-रिफंडेबल अमाउंट निकालने की सुविधा थी लेकिन यह राशि का 75 फीसदी या तीन महीने के महंगाई भत्‍ते (जो भी कम हो) के बराबर होना चाहिए था.

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कर्मचारियों को पसंद है पीएफ में निवेश करना

EPFO के आंकड़े साफ जाहिर करते हैं कि कर्मचारी वर्ग को पीएफ में निवेश करना काफी पसंद है. 2020-21 वित्तीय वर्ष के आंकड़े तो 31 मार्च के बाद सरकार बताएगी लेकिन 2019-20 में 1.68 लाख करोड़ रुपये, 2018-19 में 1.41 लाख करोड़ और साल 2017-18 में 1.26 लाख करोड़ रुपये जमा कराए गए थे. 

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पीएफ खाते पर मिलता है अच्छा ब्याज

ईपीएफओ ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए लिए पीएफ खातों पर 8.50 फीसदी ब्याज दर देने का ऐलान किया है. पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है. सरकार के इस ऐलान से कर्मचारी वर्ग को काफी राहत मिली है.

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