Indonesia joins BRICS Group: सपनों का टूटना क्या होता है, यह बात कोई पाकिस्तान से पूछे. जिस पाकिस्तान ने ब्रिक्स में एंट्री के लिए सारी ताकत लगा दी, लेकिन उसे हासिल कुछ नहीं हुआ. बाजी मारी दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम मुल्क ने. ब्रिक्स यानी ऐसा देशों का समूह, जो पूरी दुनिया में खुद की धाक बढ़ा रहा है. सबसे बड़ी बात इस समूह को बनवाने वाले में अपना भारत भी है. अब जानें पूरी बात.
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BRICS Setback for Pakistan: पाकिस्तान को बहुत बड़ा झटका लगा है. यह झटका किसी और ने नहीं बल्कि दुनिया में सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया ने दिया है. इंडोनेशिया अब ब्रिक्स समूह में शामिल हो गया है. इसी के साथ इंडोनेशिया ब्रिक्स का हिस्सा बनने वाला 11वां देश बन गया है. समूह के मौजूदा अध्यक्ष ब्राजील ने मंगलवार को ऐलान किया कि इंडोनेशिया ब्रिक्स समूह का पूर्ण सदस्य बन गया है. ब्राजील ने कहा कि 2023 में जोहान्सबर्ग शिखर सम्मेलन में ब्लॉक के सदस्यों ने इंडोनेशिया की उम्मीदवारी का समर्थन किया था. इसके बाद इंडोनेशिया को समूह में शामिल करने का फैसला लिया गया है.
पाकिस्तान के टूटे सपने?
पाकिस्तान बहुत सालों से ब्रिक्स में एंट्री के लिए अपनी सारी ताकत लगा रखी है. लेकिन बाजी मारी इंडोनेशिया ने. इंडोनिशया की एंट्री से अब पाकिस्तानी की बेचैनी बढ़ गई है. पाकिस्तान की बेचैनी लाजमी भी है, क्योंकि वह खुद लंबे समय से ब्रिक्स में शामिल होने के लिए छटपटा रहा है. इसके लिए वह कई बार चीन, रूस के दरवाजे पर कटोरा लेकर खड़ा भी हो चुका है.
भारत का खौफ नहीं मिली एंट्री
पाकिस्तान के डॉन में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, नवंबर 2023 में विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि पाकिस्तान अग्रणी ग्लोबल साउथ ब्लॉक में शामिल होना चाहता है, जिसमें उल्लेख किया गया था कि देश के "अधिकांश" ब्रिक्स सदस्यों के साथ मधुर संबंध हैं. तब से सीमा के दोनों ओर मीडिया में पाकिस्तान की सदस्यता को भारत द्वारा स्वीकार किए जाने की संभावना के बारे में अटकलें लगाई जा रही थीं.
ब्रिक्स में एंट्री कौन देता है?
ब्रिक्स की सदस्यता आम सहमति से मिलती है. यानी अगर सभी सदस्य न चाहें तो कोई भी देश ब्रिक्स में शामिल नहीं हो सकता है. जाहिर तौर पर भारत ने इंडोनेशिया की सदस्यता का समर्थन किया. भारत इसमें शामिल है जो पाकिस्तान के लिए हमेशा चिंता की बात रही है. पाकिस्तानी मीडिया हर बार यह कहता रहा है कि भारत उसकी सदस्यता ब्लॉक कर रहा है. ब्रिक्स को अमेरिका एक पश्चिम विरोधी गुट के तौर पर देखता है. ऐसा इसलिए क्योंकि हाल के वर्षों में रूस और चीन डॉलर का विकल्प खोजने में लगे हैं. वह ब्रिक्स की करेंसी बनाना चाहते हैं. लेकिन भारत इसके लिए पूरी तरह तैयार नहीं है.
ब्रिक्स के अध्यक्ष देश ने किया इंडोनेशिया का स्वागत
विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के संगठन ‘ब्रिक्स’ के अध्यक्ष देश ब्राजील ने घोषणा की है कि इंडोनेशिया को संगठन के पूर्ण सदस्य के तौर पर स्वीकार कर लिया गया है. ब्राजील के विदेश मंत्रालय ने बताया कि इंडोनेशिया की उम्मीदवारी का अगस्त 2023 में ब्रिक्स नेताओं ने अनुमोदन किया था. ब्राजील 2025 तक समूह का अध्यक्ष है. हालांकि, दुनिया की चौथी सबसे अधिक आबादी वाले देश ने पिछले साल अपनी नव निर्वाचित सरकार के गठन के बाद ही औपचारिक रूप से इस समूह में शामिल होने का विकल्प चुना था. ब्राजील ने सोमवार को एक बयान में कहा, ‘‘ब्राजील की सरकार ब्रिक्स में इंडोनेशिया के शामिल होने का स्वागत करती है.’’ इंडोनेशिया के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि यह वैश्विक मुद्दों में इंडोनेशिया की बढ़ती सक्रिय भूमिका और बहुपक्षीय सहयोग को मजबूत करने की उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
क्या है ब्रिक्स?
ब्रिक्स का गठन 2009 में ब्राजील, रूस, भारत और चीन ने किया था और 2010 में दक्षिण अफ्रीका को इसमें शामिल किया गया. पिछले साल संगठन का विस्तार करके ईरान, मिस्र, इथियोपिया और संयुक्त अरब अमीरात को भी इसमें शामिल किया गया. सऊदी अरब को इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है, लेकिन उसने अभी तक इसपर फैसला नहीं किया है.