E-Commerce in India: अमेजन-फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा FDI नियमों के लगातार उल्लंघन करने पर सरकार ने चिंता जताई है. केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा है कि ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं ने देश के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) कानूनों का पूरी तरह से पालन नहीं किया है. उन्होंने आगे कहा कि कंपनियों कोयह सोचना चाहिए कि उनकी खरीद से किसे लाभ होता है और उन्होंने जो बहस शुरू की है उससे सबक लेना चाहिए. 


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एक कार्यक्रम को संबोधित करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में गोयल ने कहा कि भारतीय कानून में यह प्रावधान है कि विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए देश में केवल कंपनियों के बीच (बी2बी) लेन-देन की ही अनुमति है. लेकिन दुख की बात है कि कानून का पूरी तरह से अक्षरशः पालन नहीं किया गया है. इसके अनुरूप ढांचे बनाए गए हैं जो छोटे व्यापारियों और छोटे खुदरा विक्रेताओं के हितों के लिए हानिकारक हैं.


एल्गोरिदम का उपयोग करती हैं ई-कॉमर्स कंपनियांः गोयल


केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अमेजन जैसी कंपनियों की गहरी जेबें उन्हें बाजार बिगाड़ने वाले मूल्य निर्धारण में लिप्त होने में मदद करती हैं और वे उपभोक्ता की पसंद और वरीयताओं को प्रभावित करने के लिए एल्गोरिदम का उपयोग भी करती हैं. 


दरअसल, पीयूष गोयल ने बुधवार को देश में छोटी दुकानों के अस्तित्व को लेकर चिंता जताते हुए बहस छेड़ दी थी. उन्होंने कहा था कि कीमतों में बहुत ज्यादा वृद्धि हो रही है और साथ ही उन्होंने सामाजिक व्यवधानों की भी चेतावनी दी थी, क्योंकि ज्यादा से ज्यादा लोग बेरोज़गार हो रहे हैं.


बवाल मचने के बाद गुरुवार को उन्होंने स्पष्ट किया था कि सरकार ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ नहीं है, बल्कि चाहती है कि वे निष्पक्ष और ईमानदार रहें. उन्होंने कहा था कि सरकार ऑनलाइन कंपनियों को प्रोत्साहित करना चाहती है और ऐसी इकाइयों के पक्ष में है, जिनमें गति और सुविधा जैसे ‘जबर्दस्त लाभ’ हैं. 


(इनपुटः भाषा)