FM Nirmala Sitharaman: मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट 23 जुलाई 2024 को पेश क‍िया जाना है. बजट से पहले पीएम मोदी और व‍ित्‍त मंत्री न‍िर्मला सीतारमण ने गुरुवार को अर्थशास्त्रियों के साथ मीट‍िंग की. बजट से पहले देश के जाने-माने इकोनॉम‍िस्‍ट ने प्रधानमंत्री मोदी से इकोनॉम‍िक ग्रोथ में तेजी लाने के ल‍िए और बेस‍िक इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर में सुधार के लिए कदम उठाने की गुजार‍िश की. सूत्रों के अनुसार, बजट को लेकर प्रधानमंत्री के साथ गुरुवार की बैठक के दौरान इकोनॉम‍िस्‍ट ने यह बात कही. इस बार के बजट में जॉब्‍स, रूरल इकोनॉमी और मैन्‍फुक्‍चर‍िंग पर फोकस रहने की उम्‍मीद है.


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23 जुलाई को पेश क‍िया जाएगा बजट


मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट को लेकर इकोनॉ‍म‍िस्‍ट के विचार और सुझाव जानने के लिए बैठक का आयोजन नीति आयोग की तरफ से किया गया था. पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा 'आज, फेमस इकोनॉम‍िस्‍ट के साथ बातचीत की और इकोनॉम‍िक ग्रोथ को आगे बढ़ाने से जुड़े मुद्दों पर उनके विचार सुने.’ केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को संसद में वित्त वर्ष 2024-25 का बजट पेश करेंगी.


नीति आयोग के उपाध्यक्ष भी बैठक में शाम‍िल
बैठक में जाने-माने अर्थशास्त्रियों के अलावा नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी और अन्य सदस्य भी शामिल हुए. बैठक में वित्त मंत्री सीतारमण, म‍िन‍िस्‍टर ऑफ स्‍टेट‍िक्‍स एंड प्रोग्राम इम्‍लीमेंटेशन एंड प्‍लान‍िंग राव इंद्रजीत सिंह, मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्‍वरन और अर्थशास्त्री सुरजीत भल्ला, अशोक गुलाटी सहित अन्य लोग उपस्थित थे. यह बजट मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला प्रमुख आर्थिक दस्तावेज होगा. इसमें अन्य बातों के अलावा, 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का खाका पेश किये जाने की उम्मीद है.


कृषि उत्पादकता बढ़ाने के बारे में सुझाव दिये गये
सूत्रों ने कहा कि इकोनॉम‍िक ग्रोथ को गति देने और कृषि उत्पादकता बढ़ाने के बारे में सुझाव दिये गये. इसके अलावा नीति आयोग द्वारा तैयार किये जा रहे 2047 तक भारत को विकसित बनाने के दस्तावेज पर भी चर्चा हुई. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पिछले महीने संसद की संयुक्त बैठक में संबोधन में संकेत दिया था कि सरकार सुधारों की गति को तेज करने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाएगी. उन्होंने यह भी कहा था कि बजट सरकार की दूरगामी नीतियों और भविष्य के दृष्टिकोण का एक प्रभावी दस्तावेज होगा.


सीतारमण आगामी बजट पर पहले ही अर्थशास्त्रियों और भारतीय उद्योग जगत के प्रमुखों सहित विभिन्‍न पक्षों के साथ विचार-विमर्श कर चुकी हैं. कई विशेषज्ञों ने सरकार से उपभोग को बढ़ावा देने के लिए आम आदमी को कर में राहत देने और महंगाई पर लगाम लगाने और आर्थिक वृद्धि में तेजी लाने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया है. सीतारमण ने लोकसभा चुनाव के कारण इस साल फरवरी में 2024-25 का अंतरिम बजट पेश किया था. (इनपुट भाषा से भी)