PNB Hikes MCLR: PNB के ग्राहकों को लगा तगड़ा झटका, बैंक ने किया ये बड़ा बदलाव, आपकी जेब पर पड़ेगा सीधा असर
PNB Hikes MCLR: पीएनबी ने अपने ग्राहकों को तगड़ा झटका दिया है. आरबीआई की मौद्रिक समीक्षा बैठक से पहले ही पीएनबी ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट में 10 बेसिस पॉइंट की वृद्धि कर दी है. नई दरें 1 अगस्त यानी आज से लागू हो गईं हैं.
PNB Hikes MCLR: पंजाब नेशनल बैंक के ग्राहकों के लिए जरूरी खबर है. बैंक ने अपने सभी अवधि के लोन की ब्याद दरों में बढ़ोतरी कर दी है. बैंक ने एमसीएलआर में 10 बेसिस पॉइंट या 0.10 फीसदी की वृद्धि की है. आपको बता दें कि बैंक ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR) बढ़ाया है. दरअसल, एमसीएलआर लोन का ब्याज तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. नई दरें 1 अगस्त यानी आज से लागू हो गईं हैं. आइये चेक करते हैं नए रेट्स.
आरबीआई की है बैठक
गौरतलब है कि इसी हफ्ते रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक होने वाली है. अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बैठक में रेपो रेट को फिर से बढ़ाया जा सकता है. अगर ऐसा होता है तो बैंक फिर से ब्याज दरों में वृद्धि करेंगे. पीएनबी द्वारा बढ़ाई गई नई ब्याज दरें आज यानी 1 अगस्त से लागू हो गई हैं.
ग्राहकों पर पड़ेगा सीधा असर
एमसीएलआर में बढ़ोतरी से नए और मौजूदा ग्राहकों पर असर पड़ेगा. इससे उनके लोन की ईएमआई बढ़ जाएगी.
- अब बैंक ने ओवरनाइट लोन के लिए मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट 6.90 फीसदी से बढ़कर 7.00 फीसदी कर दिया है.
- एक महीने, तीन महीने और छह महीने के लिए दरें 0.10 फीसदी बढ़ाकर क्रमश: 7.05 फीसदी, 7.15 फीसदी और 7.35 फीसदी कर दी गईं हैं.
- एक वर्ष वाले लोन के लिए एमसीएलआर सोमवार से 7.55 प्रतिशत से बढ़कर 7.65 प्रतिशत हो गया है.
- 3 साल वाले लोन के लिए एमसीएलआर 7.85 फीसदी से बढ़ाकर 7.95 फीसदी कर दिया गया है.
होम लोन पर भी बदलेगी ब्याज दर?
बैंक के इस फैसले से मकान, वाहन व पर्सनल लोन और अधिक महंगे हो जाएंगे. लेकिन आपको बता दें कि मौजूदा होम लोन लेने वालों को ध्यान देना चाहिए कि ईएमआई को तभी संशोधित किया जाएगा जब उनके लोन की रीसेट डेट आएगी. रीसेट तिथि आने पर बैंक मौजूदा एमसीएलआर के आधार पर उधारकर्ताओं के होम लोन पर ब्याज दर में वृद्धि या संशोधन करेगा. उदाहरण से समझें तो अगर किसी व्यक्ति का होम लोन एमसीएलआर पर है और उसकी रीसेट की तारीख सितंबर में है तो उसे सितंबर से बढ़ी हुई ईएमआई का भुगतान करना होगा.