मोदी सरकार की बैंकिंग क्रांति: PNB, OBC और यूनाइटेड बैंक का हुआ मर्जर
मर्जर के बाद पंजाब नेशनल बैंक देश का दूसरा सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक हो जाएगा, जिसका बिजनेस 17.95 लाख करोड़ का होगा.
नई दिल्ली: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आज बैंकों के मर्जर का ऐलान किया. प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होंने कहा कि पंजाब नेशनल बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक को मर्ज किया जा रहा है. मर्जर के बाद यह देश का दूसरा सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक हो जाएगा, जिसका बिजनेस 17.95 लाख करोड़ का होगा.
केनरा और सिंडिकेट बैंक का भी मर्जर किया जाएगा. देश में अब सिर्फ 12 सरकारी बैंक होंगे. 4 बड़े सरकारी बैंकों में 6 छोटे बैंकों का मर्जर किया जाएगा. विलय के बाद PNB देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक हो जाएगा.
कैनरा बैंक में सिंडीकेट बैंक का मर्जर होगा यह देश का चौथा सबसे बड़ा बैंक बनेगा. इस बैंक का बिजनेस 15.20 लाख करोड़ का होगा. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का मर्जर होगा. मर्जर के बाद यह देश का पांचवा सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक होगा.
इंडियन और इलाहाबाद बैंक का मर्जर होगा यह देश का सातवां सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा, जिसकी पूंजी 8.08 लाख करोड़ रुपये होगी. वित्तमंत्री ने कहा कि बैंक ऑफ इंडिया और सेंट्रल बैंक का किसी का मर्जर नहीं किया जाएगा. बैंक ऑफ इंडिया का बिजनेस 9.3 लाख करोड़ और सेंट्रल बैंक का बिजनेस 4.68 लाख करोड़ का होगा.
प्रेस कॉन्फ्रेंस की प्रमुख बातें
1. वित्त मंत्री ने कहा कि हम बहुत तेजी से 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी की तरफ बढ़ रहे हैं.
2. 8 सरकारी बैंकों ने रेपो रेट लिंक प्लान लॉन्च किए हैं.
3. NBFCs की राहत के लिए कई कदम उठाए.
4 NBFCs ने लिक्विडिटी के लिए PSBs से करार किया: वित्त मंत्री
5. क्रेडिट ग्रोथ के लिए आज का कदम महत्वपूर्ण: वित्त मंत्री
6. फाइनेंशियल सेक्टर के लिए मजबूत नींव की जरूरत. इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए सरकारी बैंकों की मजबूती के लिए काम कर रहे हैं: इसके अलावा बैंकों ने लोन रिकवरी में रिकॉर्ड बनाया है.
5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के सपने को लेकर वित्तमंत्री ने कहा कि 2017 में देश की अर्थव्यवस्था 2.6 ट्रिलियन डॉलर थी. 2024 में हम 5 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य को जरूर हासिल करेंगे.बैंकिंग सेक्टर को लेकर उन्होंने कहा कि हाल-फिलहाल जितने फैसले लिए गए हैं उससे NPA में भारी कमी आई है. वित्त वर्ष 2018-19 में लोन रिकवरी 1,21,076 करोड़ था. साथ ही NPA का स्तर 7.90 लाख करोड़ पर पहुंच गया है. पहले बैंकों पर 8.86 लाख करोड़ के NPA का बोझ था.