नई दिल्ली: Post Office Small Saving Scheme: अगर आप भी चाहते हैं कि आप कहीं सुरक्षित पैसा इन्वेस्ट करें और जल्दी ही दोगुना फायदा हो तो आपके लिए जीरो रिस्क वाला निवेश यानी पोस्ट ऑफिस सेविंग स्कीम्स (Post Office Savings Scheme) में बेहतर विकल्प है. अगर आप लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट चाहते हैं तो पोस्ट ऑफिस की किसान विकास पत्र (KVP) स्कीम बढ़िया है. आइये आपको बताते हैं इस सुपरहिट स्कीम के बारे में.


क्या है किसान विकास पत्र स्कीम?


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किसान विकास पत्र (Kisan Vikas Patra Scheme) भारत सरकार की एक वन टाइम इन्वेस्टमेंट स्कीम है, जिसके तहत एक तय अवधि में आपका पैसा दोगुना हो जाता है. किसान विकास पत्र देश के सभी डाकघरों और बड़े बैंकों में मौजूद है. इसका मेच्योरिटी पीरियड अभी 124 महीने है. इसमें कमसे कम 1000 रुपए का निवेश करना होता है. इसके तहत अधिकतम निवेश की कोई लिमिट नहीं है. किसान विकास पत्र (KVP) में सर्टिफिकेट के रूप में निवेश होता है. 1000 रुपए, 5000 रुपए, 10,000 रुपए और 50,000 रुपए तक के सर्टिफिकेट हैं, जिन्हें खरीदा जा सकता है.गौरतलब है कि पोस्ट ऑफिस स्कीम्स पर सरकारी गारंटी मिलती है, ऐसे में इसमें रिस्क बिल्कुल नहीं है.


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जरूरी डाक्यूमेंट्स 


इस स्कीम में निवेश की कोई सीमा नहीं होती है ऐसे में मनी लॉन्ड्रिंग का खतरा भी है. इसलिए सरकार ने इसमें 50,000 रुपए से ज्यादा के निवेश पर PAN कार्ड अनिवार्य कर दिया है. साथ ही पहचान पत्र के तौर पर आधार भी देना होता है. अगर आप इसमें 10 लाख या इससे ज्यादा निवेश करते हैं तो आपको इनकम प्रूफ भी जमा करना होगा, जैसे ITR, सैलरी स्लिप और बैंक स्टेटमेंट.


कैसे खरीदते हैं सर्टिफिकेट


1. सिंगल होल्डर टाइप सर्टिफिकेट: ये खुद के लिए या किसी नाबालिग के लिए खरीदा जाता है
2. ज्वाइंट A अकाउंट सर्टिफिकेट: ये दो वयस्कों को ज्वाइंट रूप से जारी किया जाता है. दोनों होल्डर्स को भुगतान होता है, या जो जीवित हो
3. ज्वाइंट B अकाउंट सर्टिफिकेट: ये दो वयस्कों को ज्वाइंट रूप से जारी किया जाता है. दोनों में से किसी एक को भुगतान होता है या जो जीवित हो


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किसान विकास पत्र की खासियत 


1. इस स्कीम पर गारंटी के साथ रिटर्न मिलता है, इस पर बाजार के उतार चढ़ाव का कोई असर नहीं होता है. इसलिए ये निवेश बेहद सुरक्षित है.
2. इसमें अवधि खत्म होने के बाद आपको पूरी रकम मिल जाती है.
3. इस स्कीम में इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट नहीं मिलती है.
4. इस पर मिलने वाला रिटर्न पूरी तरह से टैक्सेबल है. मैच्योरिटी के बाद निकासी पर कोई टैक्स नहीं लगता है.
5. मैच्योरिटी पर आप रकम इसके निकाल सकते हैं, लेकिन इसका लॉक -इन पीरियड 30 महीनों का होता है. इससे पहले आप स्कीम से पैसा नहीं निकाल सकते, बशर्ते खाताधारक की मृत्यु हो जाए या कोर्ट का आदेश हो.
6. इसमें 1000, 5000, 10000, 50000 के मूल्य वर्ग (Denominations) में निवेश किया जा सकता है.
5. किसान विकास पत्र को कोलैटरल के तौर या सिक्योरिटी के तौर पर रखकर आप लोन भी ले सकते हैं.


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