Provident Fund Accounts: कितनी तरह के होते हैं प्रॉविडेंट फंड अकाउंट्स, समझें फर्क और फायदों की पूरी ABCD
Types of PF Accounts: इन इन्वेस्टमेंट के जरिए कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर अच्छी-खासी रकम मिल जाती है. इस स्कीम का मकसद नौकरी से रिटायर होने के बाद भी कर्मचारी को वित्तीय रूप से मजबूत बनाए रखना है.
PF Interest Rate: प्रॉविडेंट फंड स्कीम्स का मकसद नौकरीपेशा लोगों के लिए रिटायरमेंट फंड तैयार करना है. इसके तहत नियमित इन्वेस्टमेंट की जाती हैं. इन इन्वेस्टमेंट के जरिए कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर अच्छी-खासी रकम मिल जाती है. इस स्कीम का मकसद नौकरी से रिटायर होने के बाद भी कर्मचारी को वित्तीय रूप से मजबूत बनाए रखना है.आइए आपको बताते हैं कि पीएफ स्कीम्स कितनी तरह की होती हैं. इसमें एम्प्लॉयज प्रॉविडेंट फंड (ईपीएफ), पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ) और जनरल प्रॉविडेंट फंड (जीपीएफ) शामिल हैं.
एम्प्लॉयज प्रॉविडेंट फंड (ईपीएफ)
ईपीएफ सरकारी कर्मचारियों से इतर नौकरीपेशा लोगों के लिए एक प्रॉविडेंट फंड स्कीम है, जिसे एम्प्लॉयज प्रॉविडेंट ऑर्गनाइजेशन (ईपीएफओ) संचालित करती है.
20 से अधिक कर्मचारियों वाले हर संगठन या कॉर्पोरेट यूनिट को कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के अनुसार अपने कर्मचारियों को रिटायरमेंट बेनेफिट्स देने चाहिए.
मौजूदा ईपीएफओ नियमों के अनुसार, एक कर्मचारी मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 12 प्रतिशत, हर महीने अधिकतम 15,000 रुपये तक का योगदान देता है, वहीं एम्प्लॉयर समान राशि (12 प्रतिशत) का योगदान देता है.
कंपनी की तरफ से 8.33 फीसदी कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) में जाता है, जबकि बाकी 3.67 फीसदी ईपीएफ में निवेश किया जाता है. 2022-23 के लिए ईपीएफ की ब्याज दर 8.10 फीसदी है.
कर्मचारी रिटायरमेंट होने के बाद अपना ईपीएफ खाता स्थायी रूप से बंद और नौकरी बदलते समय इसे ट्रांसफर कर सकते हैं.
पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ)
पीपीएफ स्वैच्छिक प्रॉविडेंट फंड स्कीम है, जिसे कोई भी भारतीय नागरिक खुलवा सकता है, चाहे वो नौकरीपेशा हो या फिर गैर-वेतनभोगी.
एक शख्स एक वित्त वर्ष में अपने पीपीएफ खाते में न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम 1,50,000 रुपये जमा कर सकता है.
ईपीएफ के उलट, एक पीपीएफ खाता 15 साल के बाद मैच्योर होता है, जिसे आगे पांच साल के ब्लॉक में बढ़ाया जा सकता है. पीपीएफ खाता खोलने के सातवें वित्त वर्ष से हर साल आंशिक निकासी की जा सकती है.
पीपीएफ के लिए ब्याज दर हर तिमाही केंद्र सरकार तय करती है. पीपीएफ की मौजूदा ब्याज दर 7.1 फीसदी है.
जनरल प्रॉविडेंट फंड (जीपीएफ)
जनरल प्रॉविडेंट फंड (जीपीएफ) स्कीम सिर्फ केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए है. सभी अस्थायी सरकारी कर्मचारी जो एक साल तक लगातार सर्विस में रहे हैं, सभी परमानेंट कर्मचारी, और सभी री-एम्प्लॉयड पेंशनभोगी जीपीएफ खाता खोल सकते हैं.
जीपीएफ खाते में मासिक वेतन का कम से कम 6 फीसदी योगदान करना होता है. 2022 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के लिए जीपीएफ ब्याज दर 7.1 फीसदी है.
इसे केंद्र सरकार का डिपार्टमेंट ऑफ पेंशन एंड पेंशनर्स संचालित करता है.
(ये स्टोरी आपने पढ़ी देश की सर्वश्रेष्ठ हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर)