PF Interest Rate: प्रॉविडेंट फंड स्कीम्स का मकसद नौकरीपेशा लोगों के लिए रिटायरमेंट फंड तैयार करना है. इसके तहत नियमित इन्वेस्टमेंट की जाती हैं. इन इन्वेस्टमेंट के जरिए कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर अच्छी-खासी रकम मिल जाती है. इस स्कीम का मकसद नौकरी से रिटायर होने के बाद भी कर्मचारी को वित्तीय रूप से मजबूत बनाए रखना है.आइए आपको बताते हैं कि पीएफ स्कीम्स कितनी तरह की होती हैं. इसमें एम्प्लॉयज प्रॉविडेंट फंड (ईपीएफ), पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ) और जनरल प्रॉविडेंट फंड (जीपीएफ) शामिल हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

एम्प्लॉयज प्रॉविडेंट फंड (ईपीएफ)



पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ)


  • पीपीएफ स्वैच्छिक प्रॉविडेंट फंड स्कीम है, जिसे कोई भी भारतीय नागरिक खुलवा सकता है, चाहे वो नौकरीपेशा हो या फिर गैर-वेतनभोगी. 

  • एक शख्स एक वित्त वर्ष में अपने पीपीएफ खाते में न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम 1,50,000 रुपये जमा कर सकता है. 

  • ईपीएफ के उलट, एक पीपीएफ खाता 15 साल के बाद मैच्योर होता है, जिसे आगे पांच साल के ब्लॉक में बढ़ाया जा सकता है. पीपीएफ खाता खोलने के सातवें वित्त वर्ष से हर साल आंशिक निकासी की जा सकती है. 

  • पीपीएफ के लिए ब्याज दर हर तिमाही केंद्र सरकार तय करती है. पीपीएफ की मौजूदा ब्याज दर 7.1 फीसदी है. 


जनरल प्रॉविडेंट फंड (जीपीएफ) 


  • जनरल प्रॉविडेंट फंड (जीपीएफ) स्कीम सिर्फ केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए है. सभी अस्थायी सरकारी कर्मचारी जो एक साल तक लगातार सर्विस में रहे हैं, सभी परमानेंट कर्मचारी, और सभी री-एम्प्लॉयड पेंशनभोगी जीपीएफ खाता खोल सकते हैं. 

  • जीपीएफ खाते में मासिक वेतन का कम से कम 6 फीसदी योगदान करना होता है. 2022 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के लिए जीपीएफ ब्याज दर 7.1 फीसदी है.

  • इसे केंद्र सरकार का डिपार्टमेंट ऑफ पेंशन एंड पेंशनर्स संचालित करता है. 


(ये स्टोरी आपने पढ़ी देश की सर्वश्रेष्ठ हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर)