Raghuram Rajan on Banking System: रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने बैंकिंग संकट की चेतावनी दी है. उन्‍होंने बताया है कि इसका संकट आने वाले दिनों में बढ़ सकता है. अमेर‍िका में बैंकिंग संकट के चलते हाल ही में दो बड़े बैंक डूब गए और यूरोप का अग्रणी बैंक क्रेडिट सुइस बिक गया. राजन ने बताया कि सेंट्रल बैंक ने दस सालों तक ईजी मनी और भारी ल‍िक्‍व‍िड‍िटी की आदत लगा दी है. अब इस समस्या का सामना करने के लिए सख्त पॉलिसी बना रहे हैं. इससे फाइनेंशियल सिस्टम में संकट बनने का खतरा कम हो सके.


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2013 से 2016 तक आरबीआई के गवर्नर रहे राजन
रघुराम राजन इंटरनेशनल मॉनीटरी फंड (IMF) के पूर्व चीफ इकनॉमिस्ट रह चुके हैं. वह यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में पढ़ा रहे हैं. साल 2013 से 2016 तक वे आरबीआई के गवर्नर रह चुके हैं. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार राजन ने कहा 'मैं बेहतर स्थिति की उम्मीद कर रहा हूं लेक‍िन आने वाले द‍िनों में यह संकट गहरा सकता है. इसकी कारण यह है कि जो कुछ भी हुआ, उसमें से क‍िसी की भी उम्‍मीद नहीं थी. परेशानी यह है क‍ि ईजी मनी और लंबे समय तक हाई ल‍िक्‍व‍िड‍िटी से ऐसा स्ट्रक्चर बनता है, जिससे वापसी मुश्किल होता है.'


फाइनेंशियल क्राइसिस के बारे में पहले ही बताया था
रघुराम राजन जाने-माने अर्थशास्त्री हैं, उन्‍होंने आरबीआई के गवर्नर के अलावा बैंकिंग और वित्तीय नीति क्षेत्र में अपनी भूमिका निभाई है. 2008 में आईएमएफ के चीफ इकनॉमिस्ट के बतौर राजन ने साल 2008 में ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस के बारे में पहले ही बता द‍िया था. साल 2005 में उन्‍होंने जैक्सन होल स्पीच में बैंकिंग सेक्टर में संकट की चेतावनी दी थी. उस समय अमेरिका के ट्रेजरी सेक्रेटरी लैरी समर्स ने राजन का मजाक बनाया था.


राजन ने बताया कि सरकारों ने सेंट्रल बैंकर्स को फ्री राइड दिया है. वह बताते हैं कि 2008 के वित्तीय संकट के बाद, एक दशक के दौरान उठाए गए कदमों को तेजी से पलट रहे हैं. मॉनेटरी पॉलिसी का असर काफी अधिक होता है. केंद्रीय बैंकों ने सिस्टम को ल‍िक्‍व‍िड‍िटी से भर दिया है, जिससे बैंकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. उन्होंने सिस्टम को इसकी आदत लगा दी है. सिस्टम में लो रिटर्न ल‍िक्‍व‍िड एसेट्स की बहुतायत हो गई है. अब बैंक कह रहे हैं कि बहुत हो गया है. हम इसका क्या करेंगे. मार्च में, 400 अरब डॉलर की निकासी अमेरिकी बैंकों से हुई है.


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