Penalty on GQG Partners: कभी गौतम अडानी के तारणहार बने एनआरआई निवेशक राजीव जैन को अमेर‍िका में झटका लगा है. अमेरिकी मार्केट के रेग्‍युलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने राजीव जैन की जीक्यूजी पार्टनर्स (GQG Partners) पर व्हिसलब्लोअर प्रोटेक्शन रूल्स के कथित उल्लंघन का आरोप लगाया है. कंपनी की तरफ से इन आरोपों पर क‍िसी तरह की प्रत‍िक्र‍िया देने की बजाय इसे न‍िपटाने की तरफ कदम आगे बढ़ाया गया है. इसके बदले कंपनी 5 लाख डॉलर (4,18,59,275 रुपये) की पेनाल्‍टी भरेगी. जीक्यूजी पार्टनर्स एक साल पहले उस समय चर्चा में आई थी, जब अडानी ग्रुप के ग‍िरते हुए स्‍टॉक्‍स में कंपनी ने भारी न‍िवेश क‍िया था.


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अडानी ग्रुप के शेयरों में आई थी भारी ग‍िरावट


हिंडनबर्ग रिसर्च की तरफ से जनवरी 2023 में जारी की गई र‍िपोर्ट के कारण अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी ग‍िरावट देखी गई थी. उस समय जीक्यूजी पार्टनर्स ने ग्रुप के स्‍टॉक्‍स में भारी न‍िवेश क‍िया था. अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (SEC) ने 26 सितंबर को कहा क‍ि जीक्यूजी पार्टनर्स ने 2020 से 2023 के बीच 12 लोगों को ज्‍यादा गोपनीयता समझौतों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया. यह करार सरकारी रेग्‍लेटर और एजेंसियों को भी गोपनीय जानकारी का खुलासा करने से रोकता था.


जीक्यूजी ने क्‍या गलती की थी?
अमेर‍िकी न‍ियामक SEC इस पूरे मामले की जांच कर रही थी. कंपनी को दोषी पाये जाने पर उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती थी. लेकिन कंपनी ने जांच पूरी होने से पहले ही मामला को न‍िपटा ल‍िया है. साथ ही कंपनी ने यह भी माना क‍ि SEC इस मामले में कार्रवाई करने के लिए अधिकृत है. प्रवर्तन विभाग की संपत्ति प्रबंधन इकाई के को-चीफ कोरी शूस्टर ने कहा, समझौतों के माध्यम से या क‍िसी अन्‍य तरीके से कंपनियां एसईसी को संभावित प्रतिभूति कानून के उल्लंघन के बारे में सबूत प्रदान करने वाले लोगों पर पाबंदी नहीं लगा सकती है. जबक‍ि जीक्यूजी ने यही गलती की थी.


GQG को 500000 डॉलर का जुर्माना देना होगा
GQG ने SEC की तरफ से लगाए गए आरोपों को न तो स्वीकार किया और न ही इनका खंडन क‍िया. इसके बावजूद, GQG ने इस मामले को सुलझाने के लिए सहमति जताई. इस करार के तहत GQG को सख्त चेतावनी दी गई और व्हिसल ब्लोअर सुरक्षा नियम का उल्लंघन नहीं करने का निर्देश दिया गया है. इसके तहत GQG को 500,000 डॉलर का जुर्माना देना होगा. GQG की तरफ से जारी बयान में कहा गया क‍ि वह रेग्‍युलेटर के न‍ियमों को बहुत गंभीरता से लेता है.


जीक्‍यूजी पार्टनर्स (GQG Partners) एक ग्‍लोबल बुटीक एसेट मैनेजमेंट फर्म है. इसका काम लॉन्‍ग टर्म वैल्‍यू ड‍िलीवरी के ल‍िए जानी जाती है. अपने फर्म के जर‍िये जैन ने कई भारतीय कंपनियों में निवेश किया है. इसमें अडानी ग्रुप की कुछ कंपनियां भी शामिल हैं. जीक्यूजी पार्टनर्स की तरफ से अडानी ग्रुप की कंपन‍ियों जनवरी 2023 में शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की तरफ से र‍िपोर्ट आने के बाद न‍िवेश क‍िया गया था. इस र‍िपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों की कीमत में भारी गिरावट आई थी. जीक्‍यूजी के न‍िवेश के बाद ग्रुप की कंपन‍ियों के शेयर ग‍िरावट के बीच कुछ संभल गए थे.