Richest People: कोई था गैस अटेंडेंट, कोई बनाता था खाना, टाटा-अंबानी समेत इन अरबपतियों की ये थी पहली नौकरी
First Jobs of Richest People: कई अरबपति तो ऐसे हैं, जिन्होंने छोटी सी नौकरी से करियर शुरू किया और उसे सातवें आसमान पर ले गए. धीरूभाई अंबानी से लेकर वॉरेन बफे तक सभी की पहली नौकरी बेहद साधारण थी. वॉरेन बफे तो अखबार भी बांटा करते थे.
Most Richest People List: दुनिया में बड़े-बड़े बिजनेस साम्राज्य खड़ा करने वाले लोगों ने किसी जमाने में छोटी जगह से शुरुआत की थी. इसके बाद अपने जुनून के बल उन्होंने कामयाबी के झंडे गाड़ दिए. कई अरबपति तो ऐसे हैं, जिन्होंने छोटी सी नौकरी से करियर शुरू किया और उसे सातवें आसमान पर ले गए.
धीरूभाई अंबानी से लेकर वॉरेन बफे तक सभी की पहली नौकरी बेहद साधारण थी. वॉरेन बफे तो अखबार भी बांटा करते थे. लेकिन अपनी मेहनत के बूते इन्होंने अकूत दौलत हासिल की. अब जानिए दुनिया के मशहूर अरबपतियों की पहली नौकरी कौन सी थी.
वॉरेन बफे
दुनिया के दिग्गज इन्वेस्टर वॉरेन बफे अमीर लोगों की लिस्ट में 6 नंबर पर हैं. वह बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ हैं. वह वॉशिंगटन पोस्ट अखबार के लिए डिलिवरी बॉय थे. उनको साल 1994 में हर महीने 175 डॉलर मिलते थे.
जेफ बेजोस
अमेजन के फाउंडर जेफ बेजॉस विश्व के तीसरे सबसे रईस शख्स हैं. लेकिन किसी जमाने में वह कुक भी थे. उन्होंने साल 1980 में मैकडॉनाल्ड्स में फ्राई कुक का काम किया था. इसके लिए उनको हर घंटे 2 डॉलर की सैलरी मिलती थी. कंप्यूटर इंजीनियरिंग करने के बाद प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने लगे. बाद में उनको ई-मार्केटिंग में फ्यूचर नजर आया और वह इसी में आगे बढ़ गए.
नारायण मूर्ति
भारत में आईटी सेक्टर के जनक कहे जाने वाले इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति को कौन नहीं जानता. उनकी पहली नौकरी रिसर्च असोसिएट की थी. इसके बाद वह चीफ सिस्टम्स मैनेजर बने. उन्होंने सॉफ्ट्रॉनिक्स नाम की कंपनी शुरू की थी, जो डूब गई. इसके बाद उनको पुणे के पाटनी कंप्यूटर सिस्टम्स में 10000 रुपये की नौकरी मिली. फिर 6 दोस्तों के साथ मिलकर उन्होंने साल 1981 में इंफोसिस की शुरुआत की.
धीरूभाई अंबानी
रिलायंस इंडस्ट्रीज की नींव रखने वाले धीरूभाई अंबानी किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी को विरासत में रिलायंस ग्रुप मिला था. लेकिन धीरूभाई अंबानी ने यमन में गैस स्टेशन पर अटेंडेंट की नौकरी की थी. तब उनको हर महीने 300 रुपये तनख्वाह मिलती थी. बाद में वह स्टेशन मैनेजर बन गए. भारत आकर अपना कारोबार शुरू किया.
रतन टाटा
रतन टाटा का नाम देश के सम्मानित उद्योगपतियों में लिया जाता है. जमशेदपुर के टाटा स्टील में उन्होंने साल 1961 में जॉब की थी. टाटा मोटर्स में भी वह काम कर चुके थे. इस दौरान उनका काम चूना पत्थर और ब्लास्ट फर्नेस का मैनेजमेंट देखना था. जब उनको फर्स्ट जॉब का ऑफर मिला था, तब उनके पास सीवी तक नहीं था.