Ration Card: सरकार से फ्री राशन लेने वालों के सामने आई अब ये बड़ी मुसीबत, आपका जानना है जरूरी
Ration Card Update: राशन कार्ड के लाभार्थी के लिए बड़ी खबर है. भारतीय खाद्य निगम की तरफ से चावल की आपूर्ति नहीं होने पर यूपी के कई जिलों में राशन का वितरण नहीं हो पाया है. आइये जानते हैं लेटेस्ट अपडेट.
Ration Card Latest Update: राशन कार्ड के लाभार्थियों के लिए जरूरी खबर है. अगर आप भी सरकार की तरफ से दिए जाने वाले मुफ्त राशन का लाभ उठाते हैं तो आपको झटका लग सकता है. जुलाई की तरह सरकार के पास इस बार भी कई जिलों में अभी तक भारतीय खाद्य निगम (FCI) की तरफ से चावल की आपूर्ति नहीं की गई है. इससे कई जिलों में अब तक राशन वितरण नहीं हो सका है. प्रदेश की ज्यादातर राशन की दुकानों पर गेहूं, चीनी, चना, तेल और नमक ही पहुंच सका है.
राशन मिलने में हुई देरी
अधिकारियों के अनुसार जल्द राशन की दुकानों पर धीरे-धीरे चावल पहुंच रहा है. अधिकारीयों का कहना है कि लगभग सभी जगहों पर वितरण हो गया है, बस कुछ ही जगह बाकी हैं. गौरतलब है कि वितरण व्यस्था में गड़बड़ी के चलते जून में भी इस तरह की समस्या आई थी. दरअसल, सरकार की तरफ से कार्डधारकों को एक यूनिट में दो किलो गेहूं, तीन किलो चावल, एक किलो चना, एक किलो नमक और एक लीटर तेल दिया जाता है. जिनके पास अन्त्योदय कार्ड है उन्हें रियायती दर पर तीन किलो चीनी दी जाती है.
कार्डधारक कर रहे हैं इंतजार
राशन कार्ड धारकों को राशन के लिए इंतजार करना पड़ रहा है. कई राशन दुकानों पर चावल आवंटित नहीं होने से प्वाइंट ऑफ सेल्स मशीन (PoS) राशन वितरण नहीं कर रही है. ऐसे में, इससे राशन कार्ड धारक चावल की आपूर्ति का इंतजार कर रहे हैं. दरअसल, भारतीय खाद्य निगम के गोदाम में ऑडिट होने के कारण राश्न दुकानों पर चावल पहुंचने में देरी हो रही है. लगभग सभी जगहों पर राशन बंट चुका है, उम्मीद है कि जल्द चावल पहुंचने के बाद बाकी जगाहिओं पर भी राशन वितरण शुरू हो जाएगा.
राशन कार्ड सरेंडर करने की खबर झूठी और भ्रामक
इससे पहले मई में उत्तर परदेश में फ्री राशन के तहत कई भ्रामक ख़बरें फैली थीं. जिसमें यह दावा किया गया था कि यूपी की योगी सरकार की तरफ से अपात्र राशन कार्ड धारकों से कार्ड सरेंडर करने के लिए कहा गया है. और यह भी बताया गया कि राशन कार्ड सरेंडर नहीं करने वालों से सरकार वसूली करेगी.हालांकि इसके बाद राज्य के खाद्य आयुक्त मीडिया में चल रही खबरों का खंडन किया. साथ ही सरकार ने यह आदेश दिया कि इस तरह का आदेश किसने दिया, इसका पता लगाया जाए और उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए. सरकार की तरफ से इस अपडेट के बाद लोगों को राहत मिली.
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