RBI Credit Policy: भारतीय रिजर्व बैंक ने लगातार 7वीं बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है, यानी आपके होम लोन या ऑटो लोन की EMI पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर की आशंका और रीटेल महंगाई के बढ़ने के खतरे को देखते हुए ब्याज दरों को जस का तस रखा गया है. रिजर्व बैंक ने एक बार फिर रेपो रेट को 4 परसेंट और रिवर्स रेपो रेट को 3.35 परसेंट पर बरकरार रखा है.RBI ने अपना अकोमोडेटिव रुख भी बरकरार रखा है. बैंक रेट और MSF रेट को भी नहीं बदला गया है. 


लगातार 7वीं बार ब्याज दरों में बदलाव नहीं


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मई 2020 में आखिरी बार रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में कटौती की थी, तब से लेकर अबतक लगातार 7 बार पॉलिसी में कोई बदलाव नहीं किया गया है. रिजर्व बैंक ने ग्रोथ अनुमानों में भी कोई बदलाव नहीं किया है, हालांकि वित्त वर्ष 2022 के लिए CPI महंगाई दर के लक्ष्य को बढ़ाया है. बाकी पूरी पॉलिसी बाजार के अनुमानों के मुताबिक ही रही है. रिजर्व बैंक की पॉलिसी से होम लोन की EMI पर कोई असर नहीं होगा. 


ये भी पढ़ें- NPS में निवेश करने वालों के लिए जरूरी खबर! PFRDA से अलग होगा एनपीएस ट्रस्ट, जानिए ऐसा क्यों कर रही है सरकार


कोरोना की तीसरी लहर के लिए तैयार रहें


रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है. वैक्सीनेशन से ग्रोथ में तेजी आने की उम्मीद है. शक्तिकांता दास ने कहा कि हम लापरवाह नहीं हो सकते, तीसरी लहर के लिए हमें तैयार रहना होगा. उन्होंने कहा कि जून में महंगाई दर ज्यादा रही है. RBI ने रुख को अकोटमोडेटिव रखा है, इस पर MPC में 5:1 पर सहमति बनी है, यानी 6 मेंबर में से 5 ने रुख को अकोमोडेटिव रखने पर मुहर लगाई. उन्होंने कहा कि जबतक जरूरी होगा अकोमोडेटिव रुख को बरकरार रखा जाएगा.


बीते दिनों की महंगाई ने चिंता बढ़ाई 


RBI गवर्नर ने कहा कि बढ़ती रीटेल महंगाई दर ने मई में हम सबको चौंकाया है, हालांकि कीमतों में बढ़ोतरी ज्यादा नहीं रही है. डिमांड में सुधार हो रहा है, लेकिन अब भी कमजोर है. हमें सप्लाई डिमांड बैलेंस को बनाए रखने के लिए जरूरी कदम उठाने होंगे. रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि बीते दिनों की महंगाई से चिंता जरूरी बढ़ी है, लेकिन या ज्यादा समय तक नहीं रहने वाली है. RBI ने वित्त वर्ष 2022 के लिए कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) महंगाई का अनुमान 5.1 परसेंट से बढ़ाकर 5.7 परसेंट कर दिया है. 


सप्लाई सुधरने से महंगाई में कमी आएगी


इसके अलावा जुलाई-सितंबर के लिए CPI महंगाई दर अनुमान 5.9 परसेंट है, अक्टूबर-दिसंबर के लिए CPI महंगाई दर अनुमान 5.3 परसेंट है. शक्तिकांता दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही के लिए CPI महंगाई दर का प्रोजेक्शन 5.1 परसेंट है. उन्होंने कहा कि खरीफ फसल के आने से और सप्लाई सुधरने से महंगाई दर में कमी आने की उम्मीद है.


ग्रोथ के लक्ष्यों में बदलाव नहीं


रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2022 के लिए जीडीपी ग्रोथ को 9.5 परसेंट पर बरकरार रखा है. जबकि वित्त वर्ष 2023 के लिए जीडीपी ग्रोथ का लक्ष्य 17.2 परसेंट है. अक्टूबर-दिसंबर जीडीपी ग्रोथ 6.3 परसेंट रही है, जनवरी-मार्च के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमान को 6.1 परसेंट रखा गया है. 


रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांता दास ने ऑन टैप टारगेटेड लॉन्ग टर्म रेपो ऑपरेशंस यानी TLTRO  स्कीम को 3 महीने के लिए और बढ़ाने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि होम लोन की दरों में कमी से इकोनॉमी को फायदा हुआ है. 


ये भी पढ़ें- कांग्रेस के जमाने का एक और विवादित कानून खत्म करेगी सरकार, देखिए किसे होगा फायदा 


LIVE TV