नई दिल्लीः खर्च को बढ़ावा देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने कॉन्टैक्टलेस कार्ड (Contacless Card) के जरिए होने वाले ट्रांजेक्शन की रोजाना लिमिट में इजाफा कर दिया है. इसकी घोषणा खुद सेंट्रल बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने मौद्रिक नीति की समीक्षा (Monetary Policy) करने के बाद की थी. 


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इतनी हो गई है लिमिट
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए कांटेक्टलेस कार्ड और ई-मेनडेट्स (यूपीआई के जरिए) को 1 जनवरी, 2021 से 2000 रुपये से बढ़ाकर के 5 हजार रुपये किया जा रहा है.  भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने बताया कि ये बदलाव 'वन नेशन वन कार्ड' स्कीम के तहत जारी किए गए कॉन्टैक्टलेस डेबिट और क्रेडिट कार्ड्स से पेमेंट करने पर लागू होगा.


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क्या होता है कॉन्टैक्टलेस कार्ड
ऐसे कार्डों में कार्ड को कार्ड रीडर के पास रखकर पढ़ा जाता है. एनएफसी तकनीक वाले ये कार्ड चुंबकीय स्ट्रिप कार्ड की तुलना में कहीं अधिक सुरक्षित हैं, जो सिस्टम द्वारा काफी हद तक प्रभावित हैं. आगे नई सुरक्षा परत प्रदान की गई है जो ग्राहक स्वयं अपने उपयोग को आधार बना सकते हैं अर्थात विभिन्न लेनदेन के लिए अपने कार्ड को सक्षम या अक्षम कर सकते हैं. 


कॉन्टैक्टलेस क्रेडिट कार्ड में दो तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है- नियर फील्ड कम्युनिकेशन (Near Field Communication) और रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID). जब इस तरह के कार्ड को इस तकनीक से लैस मशीन के पास लाया जाता है, तो पेमेंट अपने-आप हो जाता है. मशीन की 2 से 5 सेंटीमीटर की रेंज में भी कार्ड को रखा जाए तो पेमेंट हो सकता है. इस कार्ड को किसी मशीन में डालने या उसे स्वाइप करने की जरूरत नहीं पड़ती. न ही पिन या ओटीपी डालने की जरूरत होती है.


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