Inflation Rate: महंगाई दर को लेकर आरबीआई गवर्नर का बड़ा ऐलान, इंफ्लेशन रेट को लेकर की यह भविष्यवाणी
Inflation in September 2023: चालू वित्त वर्ष के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) बेस्ड महंगाई के अनुमान को 5.4 प्रतिशत पर कायम रखा गया है. एमपीसी की बैठक में किये गए फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, आम सहमति से रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर कायम रखने का फैसला किया.
Inflation Rate in September: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की तरफ से मौद्रिक नीति समीक्षा के आंकड़े जारी किये गए. इस दौरान केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं करके आम आदमी को राहत दी है. दूसरी तरफ आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि एमपीसी की तरफ से महंगाई दर को लेकर जरूरत के अनुसार कदम उठाएगी. उन्होंने उम्मीद जताई कि सितंबर महीने आने वाले आंकड़ों में महंगाई दर कुछ नरम रहेगी. इससे पहले अगस्त में भी महंगाई को लेकर आम आदमी को राहत मिली थी. अगस्त की महंगाई दर घटकर 6.83 प्रतिशत पर आ गई. जुलाई में चढ़कर यह 15 महीने के उच्च स्तर 7.44 प्रतिशत पर पहुंच गई थी.
लोन की ईएमआई में किसी प्रकार का बदलाव नहीं होगा
आरबीआई (RBI) की तरफ से शुक्रवार को लगातार चौथी बार रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर कायम रखा गया. इससे लोन की ईएमआई में किसी प्रकार का बदलाव नहीं होगा. इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है. चालू वित्त वर्ष के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) बेस्ड महंगाई के अनुमान को 5.4 प्रतिशत पर कायम रखा गया है. एमपीसी की बैठक में किये गए फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, 'एमपीसी के सभी छह सदस्यों ने परिस्थितियों पर गौर करने के बाद आम सहमति से रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर कायम रखने का फैसला किया.’
भारत दुनिया के लिये आर्थिक वृद्धि का इंजन बना हुआ
दास ने कहा कि भारत दुनिया के लिये आर्थिक वृद्धि का इंजन बना हुआ है, लेकिन आत्मसंतुष्टि की गुंजाइश नहीं है. एमपीसी मुद्रास्फीति को लेकर जरूरत के अनुसार कदम उठाएगी. आरबीआई ने अगस्त, जून और अप्रैल की पिछली मौद्रिक नीति समीक्षा बैठकों में भी रेपो दर में बदलाव नहीं किया था. इससे पहले, मुख्य रूप से मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये पिछले साल मई से लेकर कुल छह बार में रेपो दर में 2.50 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी.
4 फीसदी पर लाने का लक्ष्य
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) बेस्ड महंगाई दर पिछले साल अगस्त में सात प्रतिशत पर थी. हालांकि, खुदरा महंगाई दर पिछले कुछ महीनों में नरम हुई है. लेकिन यह अभी भी आरबीआई के संतोषजनक दायरे से ऊपर चल रही है. केंद्रीय बैंक को 2 प्रतिशत की घट-बढ़ के साथ महंगाई दर को 4 प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है. आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में महंगाई दर 5.4 प्रतिशत पर रहने का अनुमान जता रखा है.