मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए बैंक के एमडी और सीईओ का कार्यकाल तय कर दिया है, जो तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगा. सोमवार को सभी वाणिज्यिक बैंकों के लिए जारी एक परिपत्र (सर्कुलर) में आरबीआई ने कहा कि प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) या पूर्णकालिक निदेशक (डब्ल्यूटीडी) के पद पर कोई 15 से साल से ज्यादा समय तक नहीं रह सकता.


1 अक्टूबर तक अमल में लाना होगा आदेश


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इसके अलावा, एमडी और सीईओ या डब्ल्यूटीडी, जो प्रमोटर या प्रमुख शेयरधारक भी होते हैं, इन पदों को 12 से साल से ज्यादा समय तक अपने पास नहीं रख सकते. बैंकों को 1 अक्टूबर, 2021 तक निर्देशों को अमल में लाना होगा.


अधिकतम उम्र 70 वर्ष तय


केंद्रीय बैंक ने आगे कहा कि निजी क्षेत्र के बैंकों में एमडी और सीईओ या डब्ल्यूटीडी के लिए ऊपरी आयु सीमा पर अतिरिक्त निर्देश जारी रहेंगे और कोई भी व्यक्ति 70 वर्ष की उम्र से आगे एमडी और सीईओ या डब्ल्यूटीडी के पद पर बना नहीं रह सकता. निजी बैंक के बोर्ड एमडी और सीईओ सहित डब्ल्यूटी की सेवानिवृत्ति की आयु 70 साल की उम्र सीमा के भीतर निर्धारित करने के लिए स्वतंत्र हैं.


उदय कोटक पर पड़ सकता है असर


मानदंडों में बदलाव से कोटक महिंद्रा बैंक के एमडी और सीईओ उदय कोटक पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है, जो इन नए मानदंडों के अनुसार बैंक के शीर्ष पर एक और पद के लिए पात्र नहीं होंगे. सर्कुलर में कहा गया है कि असाधारण परिस्थितियों में रिजर्व बैंक, एमडी और सीईओ या डब्ल्यूटी के एकमात्र विवेक पर, जो प्रमोटर या महत्वपूर्ण शेयरधारक भी होते हैं, को 15 साल तक अपनी सेवा जारी रखने की अनुमति दी जा सकती है.