RBI की मौद्रिक नीति समिति की बैठक शुरू, ब्याज दर में इजाफा होने की उम्मीद
RBI MPC: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिन की बैठक (3-6 अप्रैल) के दौरान विभिन्न घरेलू और वैश्विक कारकों पर विचार किया जाएगा.
Reserve Bank of India: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ब्याज दर तय करने वाली मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिवसीय बैठक सोमवार को शुरू हो गई. ऐसी उम्मीद है कि चालू वित्तीय वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक में एमसीपी रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की और वृद्धि का फैसला कर सकती है. विश्लेषकों का मानना है कि इसके साथ ही मई, 2022 से शुरू हुआ ब्याज दर में बढ़ोतरी का सिलसिला थम जाएगा.
3 से 6 अप्रैल तक चलेगी बैठक
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिन की बैठक (3-6 अप्रैल) के दौरान विभिन्न घरेलू और वैश्विक कारकों पर विचार किया जाएगा. इसके बाद वित्तीय वर्ष 2023-24 की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा की जाएगी. छह सदस्यों वाली समिति ने ब्याज दरों पर क्या फैसला किया है, इस बारे में गवर्नर गुरुवार को बताएंगे.
रेपो रेट में 2.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी
महंगाई को काबू में करने के लिए केंद्रीय बैंक मई, 2022 से रेपो रेट में 2.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर चुका है. इसके बावजूद महंगाई ज्यादातर समय रिजर्व बैंक (RBI) के छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है. एमपीसी खुदरा महंगाई दर में वृद्धि और विकसित देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा हाल में की गई कार्रवाई पर खासतौर से विचार करेगी.
नवंबर और दिसंबर, 2022 में छह प्रतिशत से नीचे रहने के बाद खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी में आरबीआई के संतोषजनक स्तर को पार कर गई. ऐसे में केंद्रीय बैंक की कार्रवाई जरूरी है. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति जनवरी में 6.52 प्रतिशत और फरवरी में 6.44 प्रतिशत थी.
विशेषज्ञों का मानना है कि केंद्रीय बैंक गुरुवार को रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि करेगा. शायद इसके साथ ही ब्याज दर में बढ़ोतरी का सिलसिला थम जाएगा. एमपीसी में आरबीआई के तीन अधिकारी और केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त तीन बाहरी सदस्य होते हैं.
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