नई दिल्ली: RBI on Mastercard: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मास्टरकार्ड एशिया पैसेफिक कड़ी कार्रवाई की है और उसे नए डेबिट या क्रेडिट कार्ड और प्रीपेड कार्ड जारी करने पर रोक लगा दी है. रिजर्व बैंक ने ये एक्शन Mastercard की ओर से आंकड़ों के रखरखाव नियमों का पालन नहीं करने पर लिया है. रिजर्व बैंक की कार्रवाई का असर भारत में डिजिटल होती बैंकिंग अर्थव्यवस्था पर पड़ने की भी आशंका है. क्योंकि मास्टरकार्ड इस क्षेत्र में एक बड़ा खिलाड़ी है.


Mastercard पर नए कार्ड जारी करने पर रोक


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मास्टरकार्ड पर नए कार्ड इश्यू करने से प्रतिबंध 22 जुलाई से लागू होगा. RBI ने यह कार्रवाई मास्टरकार्ड की ओर से पेमेंट सिस्टम डेटा के स्टोरेज से जुड़े नियमों का उल्लंघन करने के कारण की है. RBI ने बताया कि पेमेंट सिस्टम डेटा के स्टोरेज से जुड़े निर्देशों का पालन करने के लिए पर्याप्त समय और मौके देने के बावजूद मास्टरकार्ड नाकाम रहा है. RBI ने यह कार्रवाई पेमेंट एंड सेटलमेंट सिस्टम्स एक्ट के सेक्शन 17 के तहत की है.


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मौजूदा ग्राहकों पर असर नहीं होगा


हालांकि रिजर्व बैंक ने ये भी साफ किया है कि इस कदम से मास्टरकार्ड के मौजूदा ग्राहकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. Mastercard सभी कार्ड जारी करने वाले बैंकों और गैर-बैंकों को इन निर्देशों का पालन करने की सलाह देगी. मास्टरकार्ड एक पेमेंट सिस्टम ऑपरेटर है. जो देश में कार्ड नेटवर्क को ऑपरेट करता है. आपको बता दें कि RBI ने कुछ महीने पहले American Express और Diners Club International पर भी इसी तरह के नियमों का उल्लंघन करने की वजह से नए कार्ड जारी करने पर रोक लगाई थी.


क्या है RBI के नियम


RBI ने 6 अप्रैल 2018 को पेमेंट सेवाएं देने वाली सभी कंपनियों, फिनटेक के लिए डेटा स्टोरेज से जुड़े नियम जारी किए थे. इन नियमों के मुताबिक सभी पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों को पेमेंट ट्रांजेक्शन की एंड-2-एंड डिटेल, सभी जुटाई गई जानकारी, ग्राहकों का डेटा वगैरह आंकड़ों का स्टोरेज सिर्फ भारत में करना था. इन नियमों को लागू करन के लिए कंपनियों को 6 महीने का वक्त दिया गया था. इन नियमों का पालन Mastercard, American Express और Visa जैसी कार्ड कार्ड कंपनियों के साथ-साथ GPay, Amazon Pay, Phone-Pe जैसी फिनटेक कंपनियों को भी करना था. 


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