Fuel Price Hike Impact: पेट्रोल-डीजल की कीमतों में अगर ट्रांसपोर्टर्स को राहत नहीं मिली तो आने वाले दिनों में माल भाड़े में 20 परसेंट की बढ़ोतरी हो सकती है. क्योंकि ट्रांसपोर्टर्स की लागत का 65 परसेंट हिस्सा तेल की कीमत होती है.
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नई दिल्ली: Fuel Price Hike Impact: बढ़ती हुई महंगाई अभी आम आदमी की और कमर तोड़ेगी. पेट्रोल, डीजल, LPG के रेट आसमान पर पहुंच चुके हैं. CNG और PNG की कीमतें भी बढ़ गई हैं. खाने के तेल, खाद्य पदार्थों के रेट भी आम आदमी की पहुंच से बाहर हो रहे हैं. अगर आपको लगता है कि परेशानियां यहीं आकर खत्म हो रहीं हैं तो जरा ठहरिए, क्योंकि पिक्चर अभी बाकी है.
महंगाई का झटका देने की बारी अब ट्रांसपोर्टर्स की है, आने वाले दिनों में ट्रांसपोर्टर्स भी मालभाड़े में बढ़ोतरी करने की योजना बना रहे हैं. महंगे डीजल की मार ट्रांसपोर्टर्स पर भी पड़ी है, इसलिए अब वो भी मालभाड़े में 20 परसेंट तक की बढ़ोतरी करने वाले हैं. पिछले 2 महीनों से जरूरी सामानों की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है और ट्रांसपोर्टर्स भाड़ा बढ़ाते हैं तो चारों तरफ महंगाई में और ज्यादा बढ़ोतरी होगी और आम आदमी का दर्द बढ़ेगा.
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इस बढ़ोतरी के पीछे ट्रांसपोर्टर्स का कहना है कि कोरोना महामारी की वजह से कुल डिमांड में काफी कमी आई है, जिसकी वजह से कमाई में कोई इजाफा नहीं हुआ है. बढ़ती लागत की वजह से ट्रांसपोर्टर्स के पास किराया बढ़ाने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है. देश के सबसे पुराने ट्रांसपोर्ट संगठन All India Motor Transport Congress (AIMTC) के कोर कमिटी के चेयरमैन बाल मलकीत सिंह का कहना है कि कोरोना से पहले उनका एक ट्रक दिल्ली से मुंबई के बीच 3 से 4 फेरे कर लेता था लेकिन अब हालत ये है कि ज्यादा से ज्यादा 2 ही चक्कर लग पा रहे हैं. यानी महीने में साढ़े तीन लाख की कमाई घटकर अब 2 लाख रुपये तक ही रह गई है.
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी से जरूरी सामानों की कीमतों में बढ़ोतरी होने लगी है, और ये कोरोना काल में आम लोगों के लिए दोहरी मार साबित हो रही है. तेल की बढ़ी हुई कीमतों की वजह से किसान का खर्चा काफी बढ़ गया है और खर्चा बढ़ने के हिसाब से उसको कीमत नहीं मिल रही है, इसलिए सप्लाई और डिमांड के अंतर की वजह से फल और सब्जियों के रेट आसमान छू रहे है.
मुंबई में APMC के डायरेक्टर और थोक फल विक्रेता संजय पानसारे के मुताबिक 'किसान की लागत बढ़ रही है, जिसका असर कंज्यूमर पर आ रहा है. कीमतों को बढ़ने से रोकने के लिए डीजल की कीमतों पर रोक लगानी जरूरी है.' डिमांड में कमी और लागत में बढ़ोतरी की वजह से ट्रांसपोर्टर्स सरकार से किस्तों और टैक्स में छूट के साथ साथ एक्साइज और वैट में भी राहत की मांग कर रहे हैं.
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