मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को मुख्य नीतिगत दरों में 25 आधार अंकों की कटौती की। रिजर्व बैंक के इस कदम से कई तरह के लोन सस्‍ता होने के बाद महंगाई में भी कमी आने की उम्मीद की जा रही है। इस घोषणा के बाद नई ब्याज दर 7.50 प्रतिशत हो गई है। आरबीआई ने आज ब्‍याज दरें कम करते हुए रेपो रेट को 0.25 फीसदी घटा दिया। रेपो रेट 7.75 फीसदी से घटकर 7.50 फीसदी हो गया है। वहीं, सीआरआर में कोई बदलाव नहीं किया गया है।


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मुद्रास्फीति कमजोर होने और बजट में सरकार की आर्थिक वृद्धि की योजनाओं से उत्साहित भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को अपनी मुख्य दर (रेपो दर) 0.25 प्रतिशत घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दी। रिजर्व बैंक की ओर से दो माह से भी कम समय में दूसरी बार आश्चर्यजनक रप से यह कटौती की गई है।


रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने एक बयान में कहा कि पूंजी तरलता समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत मुख्य नीतिगत दर में 25 आधार अंक अथवा 0.25 प्रतिशत की कटौती करके 7.5 प्रतिशत करने का निर्णय किया गया है। नई दरें तत्काल प्रभाव से लागू हो गई हैं। रिजर्व बैंक की ओर से मुख्य नीतिगत दर में कटौती से व्यक्तिगत ऋण एवं कारपोरेट ऋण दरों में कटौती होगी। जिससे आवास, वाहन एवं कारपोरेट ऋण सस्ता हो जाएगा। हालांकि रिवर्स रेपो दरों को चार प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा गया है।


राजन ने बयान में कहा कि 2015-16 की पहली छमाही में मुद्रास्फीति के कमजोर पड़ने की उम्मीद है, जबकि दूसरी छमाही में यह छह प्रतिशत से नीचे आ सकती है। उधर, वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने कहा कि रिजर्व बैंक की ओर से रेपो दर में कटौती से अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी और कर्ज की मासिक किस्त में उल्लेखनीय रूप से कमी आएगी। गौर हो कि रेपो रेट वह ब्याज दर है, जिस पर आरबीआई बैंकों को लोन देता है। रेपो रेट में कमी से बैंकों को कम ब्याज देना पड़ता है। बैंकों का ब्याज कम होने से आम लोगों को फायदा होता है।