नई दिल्ली: फीचल फोन का इस्तेमाल करने वाले मोबाइल ग्राहकों को जल्द ही बड़ी खुशखबरी मिलने वाली है और स्‍मार्टफोन यूजर्स की तरह फीचर फोन यूजर्स को भी यूपीआई पेमेंट (UPI Payment) की सुविधा मिल जाएगी. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) जल्द ही फीचर फोन के लिए यूपीआई-बेस्‍ड पेमेंट प्रोडक्‍ट (UPI-based payment products) लाने की तैयारी में है. इसकी जानकारी आरबीआई गवर्नर शक्‍त‍िकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने मॉनिटरी पॉलिसी ऐलान के दौरान दी.


ऑन डिवाइस UPI वॉलेट होगा लॉन्च


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इसके अलावा, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) लो वैल्‍यू ट्रांजैक्‍शन को और प्रभावी बनाने के लिए यूपीआई (UPI) ऐप में 'ऑन डिवाइस (On-device)' वॉलेट लॉन्‍च करने जा रहा है. आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में करीब 118 करोड़ मोबाइल यूजर्स हैं और इसमें से करीब 74 करोड़ स्‍मार्टफोन यूजर हैं. यानी देश में फीचर फोन इस्‍तेमाल करने वालों की संख्या करीब 44 करोड़ है.


गेमचेंजर साबित होंगे RBI के ये 4 बड़े ऐलान


1. ऑन डिवाइस यूपीआई वॉलेट  


- छोटी राशि के भुगतान के लिए UPI वॉलेट.
- बिना इंटरनेट ऑफलाइन ट्रांजेक्शन मुमकिन होगा.
- स्मार्टफोन में यूपीआई के जरिए वॉलेट में पैसे डाला जा सकेगा और छोटी राशि का भुगतान बिना इंटरनेट किया जा सकेगा.
- ग्राहकों के लिए ट्रांजेक्शन फेल होने की शिकायत नहीं होगी.
- बैंकों के सर्वस पर भार कम होगा और रिसोर्जेस पर लागत कम होगी.
- प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट की तर्ज पर ऑन डिवाइस UPI वॉलेट लॉन्च होगा.
- UPI ट्रांजेक्शन में 50 प्रतिशत भुगतान 200 रुपये से कम राशि के होते है.
- ग्राहकों के लिए ट्रांजेक्शन अनुभव में कोई बदलाव नहीं होगा.
- छोटे भुगतानों के लिए UPI वॉलेट में निश्चित राशि की लिमिट होगी.


2. फीचर फोन के लिए यूपीआई


- देश में मौजूद 44 करोड़ सब्सक्राइबर्स के लिए वरदान होगा.
- बिना इंटरनेट वाले फोन के जरिए UPI पेमेंट्स  
-  रेगुलेटरी सैंडबॉक्स के जरिए रिटेल पेमेंट्स की शुरुआत होगी       
- UPI से जुड़ने के बाद फिचर फोन के ग्राहक BNPL के लिए पात्र हो पाएंगे  


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3. डिजिटल पेमेंट्स के चार्जेस किफायती बनाने पर विचार


- डिजिटल पेमेंट्स के चार्जेस को सभी के लिए किफायती बनाने पर विचार.
- डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, PPI से जुड़े चार्जेस पर डिस्कशन पेपर जारी होगा.
- मर्चेंट से जुड़े MDR चार्जेस पर विचार किया जाएगा.
- सर्विस प्रोवाइड करने वाले मर्चेंट्स MDR चार्जेस को वहन करते है.
- पेमेंट्स में लगने वाली कंविनिंस फीस और सरचार्ज पर फीडबैक लिया जाएगा.


4. यूपीआई से निवेश की सीमा 2 लाख से बढ़कर 5 लाख


- रिटेल डायरेक्ट स्कीम में यूपीआई से निवेश की सीमा 2 लाख से बढ़कर 5 लाख रुपये की जाएगी.
- गवर्नमेंट सिक्योरिटीज खरीदने के लिए यूपीआई के जरिए 5 लाख रुपये तक का निवेश मुमकिन.
- IPO निवेश में भी UPI निवेश सीमा 5 लाख रुपये तक की जाएगी.
- सेबी HNI में नई स्पेशल कैटेगरी पर 2 लाख से 10 लाख रुपये तक निवेश के लिए विचार कर रहा है.


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