रजिस्ट्री का रास्ता साफ, लेकिन अब भी कई सवाल, नोएडा-ग्रेटर नोएडा में कैसे होगी फंसे फ्लैटों की रजिस्ट्री,जानिए कहां फंसा है पेंच ?
उत्तर प्रदेश सरकार के एक फैसले ने नोएडा-ग्रेटर नोएडा में फ्लैट खरीदने वाले 2.4 लाख होमबायर्स के चेहरे पर खुशी ला दी। यूपी सरकार ने फंसे हुए रियल एस्टेट प्रोजेक्ट के बारे में अमिताभ कांत कमेटी की सिफारिशों को लागू करने का फैसला किया है। इस फैसले के साथ ही अपने घर पर मालिकाना हक पाने
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश सरकार के एक फैसले ने नोएडा-ग्रेटर नोएडा में फ्लैट खरीदने वाले 2.4 लाख होमबायर्स के चेहरे पर खुशी ला दी। यूपी सरकार ने फंसे हुए रियल एस्टेट प्रोजेक्ट के बारे में अमिताभ कांत कमेटी की सिफारिशों को लागू करने का फैसला किया है। इस फैसले के साथ ही अपने घर पर मालिकाना हक पाने का इंतजार कर रहे फ्लैटबायर्स को राहत मिली है, लेकिन इसमें कई ट्वीस्ट भी हैं, जो अब धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं। 90 दिनों के भीतर फ्लैट की रजिस्ट्री का फायदा किन्हें मिलेगा, किनके फ्लैटों की रजिस्ट्री पहले होगी। किन होमबायर्स को अभी इंतजार करना होगा? उन फ्लैटों का क्या, जिनका पूरा पेमेंट बायर्स कर चुके हैं, लेकिन उन्हें फ्लैट का पजेशन नहीं मिला है ? ऐसे तमाम सवाल है, जिनके जवाब धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं।
किन्हें मिलेगा फायदा, किसको करना होगा इंतजार?
यूपी सरकार के फैसले फिलहाल उन्हीं होमबायर्स के फ्लैट्स की रजिस्ट्री का रास्ता साफ होगा, जिनके बिल्डर पर अथॉरिटी का बहुत बकाया नहीं है। रजिस्ट्री से पहले बिल्डर को अपने कुल बकाए का 25 फीसदी जमा करना होगा। इसके बाद ही रुके हुए फ्लैटों की रजिस्ट्री शुरू हो सकेगी। ऐसे फ्लैटों की संख्या करीब 50 हजार है। यानी पेंच यह है कि जब तक बिल्डर बकाए का 25 फीसदी नहीं जमा करेगा, रजिस्ट्री शुरू नहीं होगी। यानी 90 दिनों में अपने फ्लैट पर मालिकाना हक केवल उन्हीं होमबायर्स को मिल सकेगा, जिनका बिल्जोडर अपने कुल बकाए का 25 फीसदी अथॉरिटी को चुका देगा। यानी जिन बिल्डर्स पर अथॉरिटी का बकाया कम है, उन्हीं होमबायर्स को पहले रजिस्ट्री का फायदा मिल सकेगा।
वहीं जिन बिल्डर्स के प्रोजेक्ट कोर्ट केस में फंसे हुए हैं उन प्रोजेक्ट्स में फ्लैट खरीदने वाले होमबायर्स को अभी इंतजार करना होगा। नोएडा-ग्रेटर नोएडा में जेपी, सुपरटेक, आम्रपाली, यूनिटेक जैसे कई बड़े बिल्डर्स हैं, जिनके प्रोजेक्ट्स फंसे हुए हैं। हालांकि यूपी सरकार के फैसले ने बिल्डर को जीरो पीरियड के दौरान ब्याज में छूट देने का फैसला किया है। ब्याज में छूट मिलने से ऐसे बिल्डर्स को फंड जुटाने में मदद मिलेगी। करोड़ों रुपये की छूट मिलने से बिल्डर को प्रोजेक्ट का काम खत्म करने में मदद मिलेगी। वहीं यूपी सरकार के रेरा को भी ऐसे डेवलपर पर निगरानी रखने का निर्देश दिया है, जिनके प्रोजेक्ट अधूरे हैं या किसी कानूनी मामले में फंसे हैं। वहीं उन बायर्स को भी इंतजार करना होगा, जिन्होंने फ्लैट की पूरी कीमत अदा कर दी है, लेकिन उन्हें पजेशन नहीं मिला है। ऐसे बिल्डर को पहले अपना प्रोजेक्ट पूरा करना होगा, उसके बाद बकाए की रकम का कम से कम 25 फीसदी रकम अथॉरिटी को चुकानी होगी, उसके बाद ही उन्हें फ्लैट बायर्स अपने घर की रजिस्ट्री करवा सकेंगे।
बिल्डरों को मिली छूट
यूपी सरकार ने उन बिल्डरों को अपने साथ को-डिवेलपर लाने की छूट दी है, जो अपना प्रोजेक्ट पूरा नहीं कर पा रहे रहैं। वहीं बिल्डरों तीन साल का निशुल्क टाइम एक्सटेंशन दिया गया है। पहले टाइम एक्सटेंशन लेने के लिए अथॉरिटी को करोड़ों देने पड़ते थे, जिसके चलते बिल्डर प्रोजेक्ट को बीच में छोड़ देते थे, लेकिन अब इसमें राहत मिली है। सरकार ने परमिशन टू मार्जेग की शर्तों को आसान बना दिया है, जिससे डेवलपर्स आसानी से बैंकों और मार्केट से लोन ले सकेंगे। सरकार के इस फैसले से केवल होमबायर्स को ही फायदा नहीं मिलेगा बल्कि पूरी रियर एस्टेट इंडस्ट्री को बड़ा बूस्ट मिलेगा।