RBI Monetary Policy 2023: क्या इस बार भी आरबीआई रेपो रेट्स (RBI Repo Rates) में इजाफा करेगा...? खुदरा मुद्रास्फीति में गिरावट के साथ क्या भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) नीतिगत दरों में वृद्धि करेगी या इस पर विराम लगाएगी? आज से आरबीआई की मौद्रिक समीक्षा नीति की बैठक (rbi monetary policy meeting) शुरू हो जाएगी और इस पर फैसला 8 फरवरी 2023 को आएगा. एक्सपर्ट का मानना है कि इस बार आरबीआई उदार रुख को अपना सकता है. 


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तीन दिन की होगी बैठक
आपको बता दें रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी की तीन दिवसीय बैठक सोमवार से शुरू होकर बुधवार तक चलेगी. इसमें रेपो रेट्स की दरों पर विचार किया जाएगा. एमपीसी की बैठक का फैसला 8 फरवरी को सुनाया जाएगा. 


25 बेसिस प्वाइंट का हो सकता है इजाफा
एक्सपर्ट की मानना है कि इस हफ्ते मौद्रिक नीति समीक्षा में केंद्रीय बैंक रेपो रेट्स की दरों में 25 बेसिस प्वाइंट का मामूली इजाफा कर सकता है. आरबीआई ने दिसंबर की मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दरों में 35 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया था. वहीं, इससे पहले लगातार तीन बार रेपो रेट्स में 0.5 फीसदी का इजाफा किया गया था. 


पिछले साल मुद्रास्फीति में हुआ 2.25 फीसदी का इजाफा
आरबीआई ने पिछले साल मई से मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए रेपो दर में कुल 2.25 फीसदी की वृद्धि की है. यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में आए व्यवधान के चलते करनी पड़ी थी. 


6.25 फीसदी पर रह सकती हैं दरें
इसके साथ ही क्वांटम एएमसी के फंड मैनेजर- फिक्स्ड इनकम, पंकज पाठक ने कहा है कि मुद्रास्फीति पिछले तीन महीनों में काफी नीचे आई है. अमेरिका में दरों में मामूली वृद्धि के साथ बाहरी परिस्थितियों में सुधार आया है. आरबीआई के विदेशी मुद्रा भंडार में भी पिछले कुछ महीनों में वृद्धि हुई है. हमें उम्मीद है कि आरबीआई फरवरी की बैठक में ब्याज दरों में इजाफे पर रोक लगा सता है और रेपो दर को 6.25 फीसदी पर बनाए रखेगा.



इंफ्लेशन में आएगी नरमी
कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज ने एक रिपोर्ट में कहा कि ग्लोबल इंफ्लेशन में नरमी आ रही है, हालांकि महंगाई दर अब भी प्रत्येक केंद्रीय बैंक के लक्ष्य से काफी ऊपर है. रिपोर्ट के मुताबिक, अगले कुछ महीनों में इंफ्लेशन में और नरमी आने की संभावना है. इसके साथ ही 2023 की पहली छमाही तक दर वृद्धि का दौर खत्म हो जाएगा. इसके बाद 2023 के अंत या 2024 की शुरुआत में दरों में कटौती शुरू हो सकती है.


सरकार ने दी जिम्मेदारी
सरकार ने आरबीआई को मुद्रास्फीति को छह फीसदी के स्तर पर रखने की जिम्मेदारी दी हुई है. महंगाई दर जनवरी, 2022 से तीन तिमाहियों तक लगातार छह फीसदी से ऊपर बनी रही. इसमें नवंबर और दिसंबर, 2022 में कुछ राहत मिली है. 


2023 में रुक सकता है इजाफे का दौर
हाउसिंग डॉट कॉम के समूह मुख्य कार्यपालक अधिकारी ध्रुव अग्रवाल ने एमपीसी से अपनी उम्मीदों पर कहा कि आरबीआई शायद आगामी नीति घोषणा में रेपो दर में मामूली वृद्धि पर कायम रहेगा. उन्होंने कहा कि 2023 में आगे चलकर दरों में बढ़ोतरी का क्रम थम सकता है.


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